Corona ने बदली लोगों की आदत, Work From Home को 'हां', ऑफिस को 'ना'
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Corona ने बदली लोगों की आदत, Work From Home को 'हां', ऑफिस को 'ना'

Bihar corona news: बढ़ते कोरोना का नतीजा है कि ऑफिस तो खुले हैं लेकिन स्टाफ की संख्या 30 फीसदी से अधिक नहीं हैं. वैसे भी राज्य सरकार ने सोमवार से ही 33 फीसदी उपस्थिति के साथ ही काम करने की मंजूरी दी है

Corona ने बदली लोगों की आदत.

Patna: राजधानी पटना के सगुना मोड़ से सटे आरके पैलेस में कई निजी कंपनियों के दफ्तर हैं. यहां, नीचे बड़ी पार्किंग भी है जो ये बता रही है कि यहां कभी कितनी ज्यादा संख्या में प्रोफेशनल्स काम करते होंगे. लेकिन पार्किंग में गाड़ियों की संख्या काफी कम है. दरअसल, ये चीजें ये बताने के लिए काफी हैं कि राजधानी में वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) की नई कार्य संस्कृति को निजी कंपनियों ने स्वीकार कर लिया है.

वहीं, बढ़ते कोरोना का नतीजा है कि ऑफिस तो खुले हैं लेकिन स्टाफ की संख्या 30 फीसदी से अधिक नहीं हैं. वैसे भी राज्य सरकार ने सोमवार से ही 33 फीसदी उपस्थिति के साथ ही काम करने की मंजूरी दी है. बता दें कि आरके पैलेस (RK Place) में आईटी, हेल्थ, कॉमर्स और ई कॉमर्स की कंपनियां हैं. यहां, कुछ स्टार्टअप भी हैं.इधर, कंपनियों के डायरेक्टर और संस्थापकों ने वर्क फ्रॉम होम कल्चर के बारे में बात किया. कॉमर्स, ई कॉमर्स और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी कंपनी के लोगों के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम कुछ समय के लिए सही है. लेकिन लंबी अवधि में इसका नुकसान है. इऩ लोगों के अनुसार, सबसे ज्यादा मार मुनाफे पर पड़ी है.

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वहीं, राजधानी की 'ऑल्पस कोवर्क' कंपनी मुख्यत: एकाउंट से जुड़ी चीजों को देखती है. इसके प्रोफेशनल्स बड़े उद्योगपतियों, नेताओं के कारोबार को आर्थिक रूप से संभालने का काम करती है. इसके बड़े अधिकारी प्रीतेश आनंद के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम लागू तो गया है लेकिन हमारी कंपनी को पिछले साल भर से नुकसान हुआ है. इधर, स्वास्थ्य सेवा से जुड़े ओमेड स्टार्ट्सअप के संस्थापक डॉक्टर अमजद अली भी कुछ इसी तरह की राय रखते हैं. कोरोना की वजह से निजी कंपनियों को बेहद ही आर्थिक नुकसान हुआ है. लेकिन एक सेक्टर ऐसा है जहां पर वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी का नुकसान नहीं हुआ है और ये है आईटी सेक्टर.
बदली

दरअसल, वैसी कंपनी जिसके क्लाइंट यूरोप या अमेरिका में होते हैं उनके लिए वर्क फ्रॉम होम का नुकसान देने वाला नहीं है. पटना में टेकी स्कवॉयड प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक आईटी कंपनी है जिसके क्लाइंट अमेरिका, कनाडा और यूरोप से जुड़े हैं. कंपनी से जुडे एक शीर्ष अधिकारी शिवेंदु बताते हैं कि वर्क फ्रॉम होम बुरा नहीं है. हमें वैसे भी शाम 6.30 बजे के बाद ही क्लाइंट से जुड़ना होता है इसलिए हमारे कर्मचारी तो घर पर ही काम करते रहे हैं. उनके अनुसार, उनकी कमाई और मुनाफे पर भी अधिक असर नहीं पड़ा है. 

वहीं, दूसरी ओर कर्मचारियों का भी मानना है कि विदेशी क्लाइंट से डील हमें रात में करनी होती है और कोरोना की वजह से वर्क फ्रॉम होम ही बेहतर है. कोरोना की वजह से जीवन में कई तरह के बदलाव आए हैं और वर्क फ्रॉम होम इसी बदलाव का एक हिस्सा है. इऩ कर्मचारियों के अनुसार, ये बात सही है कि जान बचाने के लिए वर्क फ्रॉम होम किया जा सकता है लेकिन लंबे वक्त में घर से काम करने की पॉलिसी व्यहवारिक नहीं हो सकता है. इधर, दूसरी ओर कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम की वजह से आर्थिक संकट भी झेलना पड़ रहा है.