पहले दो दिन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी को बनाया गया है. मांझी सभी नवनिर्वाचित 243 विधायकों को शपथ दिलाएंगे.
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पटना: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है. सोमवार को 17 वें विधानसभा की पहली बैठक होगी. बिहार विधानसभा की कार्यवाही को लेकर सदन के अंदर और बाहर सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. साथ ही थर्मोमीटर से जांच के बाद सदन के अंदर सदस्यों को इंट्री होगी.
वहीं, सत्र हंगामेदार होने के आसार है. विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. हालांकि, पहले दो दिन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी को बनाया गया है. मांझी सभी नवनिर्वाचित 243 विधायकों को शपथ दिलाएंगे. इस सत्र के दौरान ही नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा.
सूत्रों के अनुसार, एनडीए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब से विधायक नंद किशोर यादव को विधानसभा चीफ बनाना चाहती है. लेकिन माना जा रहा है कि विपक्ष की तरफ से भी कोई उम्मीदवार खड़ा किया जा सकता है. हालांकि विधानमंडल का शीतकालीन सत्र काफी छोटा है इसलिए हंगामें की गुंजाइंश काफी कम है. लेकिन विपक्ष ने इस छोटे सत्र में भी एनडीए की सरकार को रोजगार और भ्रष्टाचार के मसले पर घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है. वहीं, बीजेपी जेडीयू ने भी तेजस्वी यादव को उन्हीं के मुद्दों पर जवाब देने का मन बना लिया है.
दरअसल, 27 तारीख तक चलनेवाला सत्र काफी छोटा है. लेकिन सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. शुरुआत के दो दिनों तक सदन में नए विधायकों का शपथ ग्रहण होगा. 25 तारीख को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है. लेकिन इसबार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी एनडीए के लिए आसान नहीं रहने वाला है. क्योंकि महागठबंधन इसबार मजबूत विपक्ष के तौर पर सदन में होगा और चर्चा है कि महागठबंधन की तरफ से किसी उम्मीदवार को विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए उम्मीदवार के रुप में उतार दिया जाए. अगर ऐसा होता है तो एनडीए के लिए अध्यक्ष पद की कुर्सी हासिल करना आसान नहीं रह जाएगा.
अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद के दो दिनों में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चर्चा होगी. इस चर्चा के दौरान ही विपक्ष सरकार पर हावी होने की कोशिश करेगा. कुल मिलाकर ये माना जा रहा था कि सत्र छोटा होने और नए विधायकों के सदन में आने के कारण मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपट जाएगा. लेकिन हाल ही में कम मतों से मिली हार, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मंत्री मेवालाल का इस्तीफा, नौकरी के लिए सरकार पर दवाब बनाने जैसे मुद्दों के बल पर मजबूत विपक्ष शीतकालीन सत्र को गर्म बनाने की तैयारी कर चुका है.
(इनपुट-स्वयं प्रकाश/नवजीत कुमार)