Ashadh Gupt Navratri 2022: कब है गुप्त नवरात्रि, जानिए शुभ तिथि और मुहूर्त और योग
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Ashadh Gupt Navratri 2022: कब है गुप्त नवरात्रि, जानिए शुभ तिथि और मुहूर्त और योग

Ashadh Gupt Navratri 2022: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 के पहले दिन यानी 30 जून को गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, आडल योग और विडाल योग बन रहे हैं. इस दिन ध्रुव योग सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. पुनर्वसु नक्षत्र 01:07 ए एम, जुलाई 01 तक रहेगा.

Ashadh Gupt Navratri 2022: कब है गुप्त नवरात्रि, जानिए शुभ तिथि और मुहूर्त और योग

पटनाः Ashadh Gupta Navratri 2022: सनातन परंपरा में नवरात्रि की तिथियों का बहुत महत्व है. शाक्त मत को मानने वालों के लिए साल में पड़ने वाली सभी नवरात्रियां देवी मां दुर्गा की विशेष आराधना के लिए जानी जाती हैं. पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून 2022 से शुरू होंगी. इस बार इनकी समाप्ति 09 जुलाई 2022 को होगी. आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि विशेष फल देने वाली होती है. देवी मां के दस महाविद्या स्वरूप की साधना से जीवन के कष्टों का समाधान होता है. इस बार कि नवरात्रि में खासियत है कि कई अलग-अलग योग इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाएंगे.

ये हैं खास योग और घट स्थापना का समय
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 के पहले दिन यानी 30 जून को गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, आडल योग और विडाल योग बन रहे हैं. इस दिन ध्रुव योग सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. पुनर्वसु नक्षत्र 01:07 ए एम, जुलाई 01 तक रहेगा. इसके अलावा पुष्य नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इन सभी योगों को शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना गया है. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना 30 जून 2022, गुरुवार को होगी. गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि 29 जून को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. घटस्थापना मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 06 बजकर 43 मिनट है.

गुप्त नवरात्रि में घटस्थापन मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त प्रारंभ- 30 जून दोपहर 12:03 से 12:57 तक
घटस्थापना मुहूर्त- 30 जून सुबह 05:48 से सुबह 10:16 तक

गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा
गुप्त नवरात्रि में आधी रात में मां दुर्गा की पूजा करने की परंपरा है. सबसे पहले मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है. फिर मां को लाल सिंदूर और चुनरी अर्पित करें. मां के चरणों में पूजा सामग्रियां अर्पित करें. पूजा में लाल फूल जरूर चढ़ाएं. फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करें.

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