Bihar Budget 2022: बजट के जरिए सरकार पूरे एक साल का खाका तैयार करती हैं. इस बार भी सब की निगाहें विधानमंडल में पेश होने वाले आज के बजट पर टिकी हुई हैं.
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पटना: बजट किसी भी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य हैं. जिसमें सरकार अगले साल के लिए योजनाएं बनाती हैं. बजट के जरिए सरकार पूरे एक साल का खाका तैयार करती हैं. इस बार भी सब की निगाहें विधानमंडल में पेश होने वाले आज के बजट पर टिकी हुई हैं. इस बार भी सब देखना चाहते हैं कि सरकार उनके लिए क्या-क्या नई योजनाएं लाई हैं. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि सरकार किन-किन मुद्दों को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता हैं.
वित्त विभाग की होती हैं बजट की पूरी जिम्मेदारी
बजट बनाने से लेकर पेश करने तक की पूरी जिम्मेदारी वित्त विभाग की होती हैं. इसकी प्रक्रिया करीबन 6 महीने पहले शुरू हो जाती हैं. बजट बनाने की शुरूआत वित्त विभागों को प्रपत्र सौंप कर की जाती हैं. इस प्रपत्र में उनकी प्राथमिकताएं और जरूरतों की जानकारी मांगी जाती हैं. इसके बाद सभी विभाग अक्टूबर से नवंबर तक अगले एक साल की अपनी प्राथमिकताओं को भरकर प्रपत्र सौंप देते हैं.
विभागों से भरवाया जाता प्रपत्र
प्रपत्र सौंपने के बाद सभी विभाग अपनी चल रही योजनाओं को खर्च और जरूरतों का ब्योरा योजना विभाग को सौंपता है. योजना विभाग तमाम विभागों से आए ब्योरे के बाद हिसाब लगाता हैं कि किस विभाग को किस योजना के तहत कितना पैसा देना है. इसका भी ध्यान रखा जाता हैं कि पिछली साल विभागों को कितनी राशि दी गई थी. वहीं जिन विभाग और क्षेत्र की प्राथमिकता ज्यादा तय की गई हैं उस विभाग में ज्यादा पैसा दिया जाता है.
आखिरी में सभी से ली जाती राय
यह सब होने के बाद वित्त विभाग अखबारों में विज्ञापन देकर विभिन्न संस्थाओं और विभिन्न क्षेत्र के वरिष्ठ लोगों से राय मांगता हैं. बजट बनाने के लिए व्यापारिक और औद्योगिक संस्थाओं से जुड़े लोगों की राय ली जाती हैं. इसमें खासतौर पर बिहार इंस्डस्ट्रियल एसोसिएशन, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स, एसोचैम, CII, साहित्यकार, प्रोफेसर, अर्थशास्त्री, बैंकर्स के साथ आम लोग भी शामिल होते हैं. इसके बाद उन सब की सलाह भी बजट में शामिल करने की कोशिश की जाती हैं. उसके बाद बजट तैयार होता हैं.
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