बिहार सरकार को शराबबंदी पर 'सुप्रीम' फटकार, कहा-कोर्ट का दम घुट रहा है
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1069411

बिहार सरकार को शराबबंदी पर 'सुप्रीम' फटकार, कहा-कोर्ट का दम घुट रहा है

बिहार सरकार लगातार शराबबंदी कानून (Prohibition law) को प्रभावी बनाने की कोशिश कर रही है. सरकार लगातार  शराब तस्करों और शराब पीने वालों पर इसी वजह से कड़ी कार्रवाई कर रही है.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार सरकार लगातार शराबबंदी कानून (Prohibition law) को प्रभावी बनाने की कोशिश कर रही है. सरकार लगातार  शराब तस्करों और शराब पीने वालों पर इसी वजह से कड़ी कार्रवाई कर रही है. वहीं, अब  सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के शराबबंदी कानून की वजहों से बढ़ने वाले मुकदमों को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. 

कोर्ट ने लगाईं फटकार 

बिहार के शराब तस्करी से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश CJI एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इन मामलों ने अदालतों का दम घोंट रखा है. पटना हाईकोर्ट के 14-15 जज सिर्फ इन्हीं मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. इस वजह से और वो किसी मामले पर सुनवाई नहीं कर पा रहे हैं. हाई कोर्ट में केस को सूचीबद्ध करने में एक साल का समय लग रहा है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के 40 अपील को एक साथ खारिज कर दिया.

बता दें कि बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में उन लोगों की जमानत खारिज कराने गई थी, जिन्हें पुलिस ने शराब के मामलों में गिरफ्तार किया था. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. 

इस मामले को लेकर बिहार सरकार की तरफ से अधिवक्ता मनीष कुमार ने कहा कि हाई कोर्ट ने कानून के गंभीर उल्लंघन में शामिल आरोपियों को बिना कारण बताए जमानत दे दी है, जबकि कानून में इन गंभीर अपराधों के लिए 10 साल की जेल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान दिया गया है.

जिस पर चीफ जस्टिस एस वी रमन्ना ने कहा कि आपके अनुसार से हमें सिर्फ इसलिए जमानत नहीं देनी चाहिये क्योंकि आपने सख्त कानून बनाया है.  आईपीसी के प्रावधानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मर्डर केस में जमानत दी जाती है औऱ कई मामलों में कोर्ट अग्रिम जमानत भी देती है. लेकिन आप कह रहे हैं कि इस मामले में जमानत नहीं देनी चाहिये. 

 

Trending news