Bihar News: ग्रामीणों का कहना है कि हर पांच साल के बाद नेता हमारे गांव वोट मांगने के लिए पहुंचते हैं. बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही वे अपने वादों को भूल जाते हैं. ऐसे में उन्होंने ऐलान कर दिया कि बिजली नहीं तो वोट नहीं, शिक्षा नहीं तो वोट नहीं.
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चतरा: चतरा जिले के कुंदा प्रखंड के मरगड्डा पंचायत का गारो गांव आजादी के 75 वर्ष बाद भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है. स्थिति ऐसी है कि गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची है. विद्यालय है पर उसमें पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं. इस गांव में सड़क के साथ-साथ पेयजल की भी समस्या है. ऐसे में यहां के ग्रामीणों ने इस लोक सभा के चुनाव में वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि हर पांच साल के बाद नेता हमारे गांव वोट मांगने के लिए पहुंचते हैं. बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही वे अपने वादों को भूल जाते हैं. ऐसे में उन्होंने ऐलान कर दिया कि बिजली नहीं तो वोट नहीं, शिक्षा नहीं तो वोट नहीं. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के अभाव में हम आज भी ढिबरी युग में जीने को विवश है. वे बताते हैं कि गांव में प्राथमिक विद्यालय है पर शिक्षक का अभाव है. अगर 5 वीं तक कि पढ़ाई जैसे तैसे कर भी लेते हैं तो आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं रहने से बच्चों की पढ़ाई छूट जाती है. गांव में सड़क और पेयजल की भी समस्या है. यही कारण लोग इस गांव में अपनी बेटी की शादी करने से भी इंकार कर दे रहे हैं.
आपको बता दें कि गांव में पिछड़ी जाति के 500 परिवार निवास करते हैं. यहां सिंचाई का कोई साधन नहीं है. गांव के लोग खेती के लिए दो फसल धान व मक्का पर निर्भर रहते है. उक्त समस्याओं से तंग आकर इस बार गांव के ग्रामीणों ने गांव में बैठक कर इस बार लोकसभा में वोट नहीं करने का मन बनाया है.
इनपुट- धर्मेंद्र पाठक
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