Corruption: भ्रष्टाचार के आरोप में तीन IAS अधिकारियों के खिलाफ चलेगा केस, नीतीश सरकार ने दी मंजूरी
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Corruption: भ्रष्टाचार के आरोप में तीन IAS अधिकारियों के खिलाफ चलेगा केस, नीतीश सरकार ने दी मंजूरी

Corruption​: बिहार सरकार के द्वारा तीन रिटायर्ड IAS अधिकारियों के खिलाफ मुकदमें का आदेश जारी किया गया है. जिसमें केपी रामय्या,एसएम राजू. और रामाशीष पासवान शामिल हैं. बताया जा रहा है ये बिहार में इस तरह का पहला मामला है, जहां पर रिटायर्ड अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जा रहा है.

(फाइल फोटो)

Patna:Corruption​: बिहार सरकार के द्वारा तीन रिटायर्ड IAS अधिकारियों के खिलाफ मुकदमें का आदेश जारी किया गया है. जिसमें केपी रामय्या,एसएम राजू. और रामाशीष पासवान शामिल हैं. बताया जा रहा है ये बिहार में इस तरह का पहला मामला है, जहां पर रिटायर्ड अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक तीनों अधिकारियों के ऊपर कंप्यूटर ट्रेनिंग योजना में हुए 5.55 करोड़ रुपये के घोटाला करने का आरोप है. तीनों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है, जिसके चलते सरकार ने मुकदमें का आदेश दिया है.

तीनों अधिकारियों के साथ 12 लोग और शामिल

इस मामले की जांच Surveillance Bureau के द्वारा की जा रही है. इस घोटाले के बारे में 23 अक्टूबर 2017 को पता चला था. जिसके बाद केस दर्ज किया गया था. इस केस की एफआईआर संख्या  81/17 है. बताया जा रहा है कि इसमें शामिल तीन अधिकारियों के अलावा लगभग 12 लोगों से ज्यादा नामजद अभियुक्त बनाये गए थे. इस पूरे मामले की जांच जारी है. मामले में दोषी पाये गए लोगों में कुछ लोग जेल भी जा चुके हैं, साथ ही कुछ अभी जमानत पर बाहर हैं.

सरकार द्वारा चलाई गई थी योजना

साल 2017 में बिहार सरकार द्वारा महादिलत विकास मिशन के स्तर पर महादलित समुदाये  के छात्रों के लिए मुफ्त में कॉप्यूटर ट्रेंनिग दिलाने के लिए इस योजना को शुरू किया गया था. जिसके बाद ट्रेनिंग में पास होने वाले सभी छात्रों को सर्टिफिकेट दिया जाना था, जिसके माध्यम से छात्रों को दूसरे स्थानों में नौकरी की भी व्यवस्था भी थी. इस पूरे ट्रेनिंग के लिए श्रीराम न्यू हॉरीजन संस्थान को ट्रेनिंग देने और इसके अलावा शरद झा के द्वारा चलाया जाने वाला सस्थान ट्रिपल आई को परीक्षा लेने का ठेका दिया गया था. जांच में पता लगाया गया कि छात्रों के द्वारा कंप्यूटर का प्रशिक्षण हुआ, लेकिन उनकी परीक्षाएं नहीं करवाई गई.

तीनों अधिकारियों ने मिलकर की घपलेबाजी
जांच में इसके साथ अनेक चीजें सामने आई, जिसमें पता चला कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर ही कागजी परीक्षा करवा कर पूरी राशी की घपलेबाजी की गई. इस पूर मामले में सबसे पहले शरद झा को जेल भी हुई थी. फिलहाल वह जमानत पर बाहर है. बताया जा रहा है कि ट्रेनिंग देने वाले संस्थानों ने ट्रेनिंग दी लेकिन कई स्थानों पर एक ही छात्र का नाम दिया गया और इसी के जरिये अतिरिक्त राशी को निकाल लिया गया था. जांच में पाया गया कि जिस भी छात्र के नाम पर सर्टिफिकेट बनाया गया था, उसने कभी भी परिक्षा नहीं दी है. साथ ही उसे कीसी भी प्रकार का सर्टिफिकेट भी नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक उस समय तीनों अधिकारी केपी रामय्या और एसएम राजू मिशन के एमडी और रामाशीष पासवान निदेशक के पद पर थे. जिसके चलते तीनों अधिकारियों पर सरकार द्वारा भ्रष्टाचार का केस का आदेश दिया गया है. तीनों अधिकरियों ने मिलकर  राशी में घपलेबाजी की है.

मुकदमा चलाने के दिये आदेश
संघ लोक सेवा और राज्य सरकार के द्वारा इस मामले के संबंध में मुकदमा चलाने के आदेश दिए गए हैं. तीनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाऐगी. इसके साथ ही इस पूरे मामले में शामिल लोगों के खिलाफ भी ट्रायल से लेकर कोर्ट में भी तारीखों पर पेशी की प्रक्रिया भी शुरू की जाऐगी.

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