जातिगजत जनगणना (caste census) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अब सर्वदलीय बैठक करने जा रहे हैं. केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के इंकार के बाद सीएम ने सभी दलों की बैठक बुलाकर चर्चा कराने का फैसला लिया है.
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Patna: जातिगजत जनगणना (caste census) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अब सर्वदलीय बैठक करने जा रहे हैं. केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के इंकार के बाद सीएम ने सभी दलों की बैठक बुलाकर चर्चा कराने का फैसला लिया है.
सर्वदलीय बैठक में बनेगी रणनीति
सर्वदलीय बैठक में जातिगत जनगणना के मसले पर आगे की रणनीति तय की जाएगी. सभी पार्टियां अपने विचार साझा करेंगी, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके. हालांकि BJP अपनी पार्टी लाइन पर कायम है और जातिगत जनगणना के विरोध में अपने तर्क गिना रही है.
BJP अपने स्टैंड पर कायम
BJP प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल का कहना है कि साल 2011 में भी जाति आधारित गणना कराई गई थी, जिसमें काफी त्रुटियां हैं. लोगों ने अपने सरनेम को भी जाति आधारित बनाने का काम किया. अब इतनी जातियां हैं, इतनी उपजातियां हैं, ऐसे में संभव नहीं है कि इतने कॉलम खड़े किए जाएं इतने कॉलम बनाए जाएं इसलिए वो असंभव है. कुछ भी संभावना हुई, त्रुटियां हुई उसे दूर कर हमारी सरकार उसपर गंभीरता से विचार करेगी....
चर्चा से बनेगी बात
JDU ने साफ कर दिया है कि सर्वदलीय बैठक होगी.सभी राजनीतिक पार्टियों की राय ली जाएगी.उसके हिसाब से आगे काम किया जाएगा. बातचीत के बाद ही आगे के विकल्प सामने आएंगे.
सर्वदलीय बैठक के फैसले का स्वागत
वहीं, बिहार सरकार में मंत्री और वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी भी जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में हैं. सहनी ने नीतीश कुमार के निर्णय की तारीफ करते हुए कहा कि सभी दलों ने मिलकर निर्णय लिया है कि जातिगत जनगणना हो.एक बार फिर जातीय जनगणना पर पुर्नविचार करेंगे.
5 करोड़ के सहयोग का आश्वासन
उन्होंने केंद्र से भी दोबारा विचार करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य स्तर पर जातीय जनगणना कराई जाती है तो 5 करोड़ रुपये तक का सहयोग उनकी पार्टी की तरफ से किया जाएगा.
हित में है जातिगत जनगणना
BJP अपने स्टैंड पर कायम है.बीजेपी के इस रुख से एनडीए में शामिल बाकी दलों समेत विपक्ष की कोशिशों को झटका लग सकता है. हालांकि जाति आधारित जनगणना कराने का समर्थन कर रहे दल इतनी जल्दी हार मानते नजर नहीं आ रहे हैं. इन पार्टियों का मानना है कि जातिगत जनगणना का सामाजिक और आर्थिक जनगणना की त्रुटि से कोई लेना-देना नहीं है, जातिगत जनगणना हित में है लिहाज़ा इसे करना बेहद जरुरी है.
(इनपुट : रजनीश )