Pollution in Patna: पटना जंक्शन से कुर्जी मोड़ तक चलने वाली अधिकतर सार्वजनिक वाहनों में डीजल का इस्तेमाल हो रहा है और इससे निकलने वाला धुआं लोगों को बीमार कर रहा है. परिवहन विभाग ने जो निर्देश जारी किए हैं उन निर्देशों की भी जानकारी पीली बस चलाने वाले चालकों को नहीं है.
Trending Photos
पटनाः Pollution in Patna: राजधानी में परिवहन विभाग ने प्रदूषण कम करने के लिए कई विशेष कदम उठाए जाने की बात कही थी. इनमें एक था कि राजधानी पटना में डीजल गाड़ियां नहीं चलाई जाएंगी. परिवहन विभाग ने चरणबद्ध तरीके से सार्वजनिक वाहन के तहत चलने वाली डीजल गाड़ियों को पटना की सड़कों से हटाने का फैसला किया था. विभाग का ये फैसला काफी पुराना है, लेकिन वो इस फैसले पर अमल नहीं कर रहा है. पटना की सड़कों पर डीजल गाड़ियां फर्राटा मार रही हैं. हालांकि डीजल गाड़ियों को सीएनजी में बदलने के लिए विभाग सब्सिडी भी दे रहा है, लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन की पीली गाड़ियां दौड़ रही हैं. पीली गाड़ियां इसलिए क्योंकि अधिकतर सार्वजनिक गाड़ियों में पीले रंग की बसें चलती हैं.
चरणबद्ध तरीके से हटानी थीं डीजल बसें
जानकारी के मुताबिक, पटना में डीजल गाड़ियों से निकलने वाला धुआं लोगों को लगातार बीमार बना रहा है. पटना, मुजफ्फरपुर, गया ये कुछ ऐसे शहर हैं जो देश में वायु प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक माने जाते हैं. इन सब बातों को ही ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने पटना की सड़कों से डीजल गाड़ियों को हटाने का फैसला किया था. निर्णय ये हुआ था कि, सार्वजनिक वाहनों के तहत चलने वाली पीली बसों को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा. लेकिन इस फैसले पर ईमानदारी से अमल नहीं हो रहा है.
लोगों को बीमार कर रहा धुआं
पटना जंक्शन से कुर्जी मोड़ तक चलने वाली अधिकतर सार्वजनिक वाहनों में डीजल का इस्तेमाल हो रहा है और इससे निकलने वाला धुआं लोगों को बीमार कर रहा है. परिवहन विभाग ने जो निर्देश जारी किए हैं उन निर्देशों की भी जानकारी पीली बस चलाने वाले चालकों को नहीं है. आखिर पटना की सड़कों पर गाड़ियां क्यों चल रही है. इस बाबत राज्य की परिवहन मंत्री शीला कुमारी से बात की गई, लेकिन उनके पास इस बात का जवाब नहीं था. शीला कुमारी ने कहा कि, विभाग का फैसला है कि क्रमिक रूप से गाड़ियों को हटाया जाएगा. इसके लिए सब्सिडी भी दी जा रही है.
250 डीजल बसें हटाई जानी थीं
दरअसल विभाग ने बहुत पहले डीजल वाली गाड़ियों को सीएनजी में बदलने के लिए सब्सिडी की घोषणा की थी. लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. विभाग के इस फैसले से 250 डीजल से चलने वाली बसों को हटाया जाना था लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं सका. बिहार खासकर पटना में जिस तरह से नई गाड़ियां सड़कों पर उतर रही हैं, उससे वायु प्रदूषण और उससे होने वाली बीमारी की आशंका रोजाना बढ़ती जा रही है. विभाग को अब अपने फैसले पर तेजी से अमल करना होगा.