Bihar Vidhan Parishad Election: जेडीयू ने राज्यसभा चुनाव की तरह विधान परिषद चुनाव में भी संगठन से जुड़े पदाधिकारी को तरजीह दी है. अफाक अहमद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं जबकि रविंद्र सिंह राष्ट्रीय सचिव हैं.
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पटना: Bihar Vidhan Parishad Election: बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए जेडीयू ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया. मंगलवार को बिहार जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी की तरफ से अफाक अहमद खान और रविंद्र सिंह एमएलसी चुनाव के लिए प्रत्याशी होंगे है. उन्होंने कहा कि दोनों के नाम पर कोई विरोध नहीं है.
संगठन के लोगों को मिला मौका
दरअसल, जेडीयू ने राज्यसभा चुनाव की तरह विधान परिषद चुनाव में भी संगठन से जुड़े पदाधिकारी को तरजीह दी है. अफाक अहमद जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं जबकि रविंद्र सिंह राष्ट्रीय सचिव हैं. वहीं, प्रत्याशी बनाए जाने पर रविंद्र सिंह और अफाक अहमद ने सीएम नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम और पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं.
आज जदयू पार्टी के कर्पूरी सभागार में राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खां एवं राष्ट्रीय सचिव श्री रविंद्र सिंह के नाम की घोषणा बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में की।दोनों ही शुरुआती दौर से ही पार्टी के साथ पूरी निष्ठा से जुड़े रहे हैंl#NitishKumar #JDU pic.twitter.com/ldOF5Un1ha
— Umesh Singh Kushwaha (@UmeshSinghJDU) June 7, 2022
20 जून को मतदान
बता दें कि बिहार में विधान परिषद की खाली सात सीटों के लिए 20 जून को मतदान होना है. इन सातों सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया दो जून से शुरू हो चुकी है. एमएलसी चुनाव के लिए राजद ने मोहम्मद कारी सोहैब, मुन्नी देवी और अशोक पांडेय को प्रत्याशी बनाया है जबकि बीजेपी ने अभी अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है.
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एनडीए को मिलेगी 4 सीट
वहीं, विधानसभा के सदस्यों के संख्या बल को देखा जाए तो सात सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव में एनडीए को चार और महागठबंधन को तीन सीट जाती दिख रही हैं.
राजद के सामने 'चुनौती'
हालांकि, बिहार विधान परिषद की गणित को समझें, तो आरजेडी के पास तीसरे उम्मीदवार को जिताने का आंकड़ा नहीं है. उसके लिए राजद को माले और कांग्रेस का समर्थन लेना होगा. गणित की बात करें, तो विधान परिषद में एक उम्मीदवार के जीत के लिए 31 विधायकों की जरूरत है.
आरजेडी के पास 76 विधायक हैं, जिससे सिर्फ दो उम्मीदवार ही जीत सकते हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस के पास 19 और माले 12 विधायक हैं. सीपीआई के 2 और सीपीआईएम के पास 2 विधायक हैं. अगर कांग्रेस और माले मिलकर आपस में एक उम्मीदवार खड़ा कर देते हैं तो वो राजद को बड़ा झटका दे सकते हैं.