डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि जहां भी गड़बड़ी एवं फर्जीवाड़ा की शिकायत मिल रही है वहां अधिकारियों की टीम बनाकर जांच करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि साबिकपुर पंचायत में भी योजना में बरती गई अनियमितता और फर्जीवाड़ा की जांच कराई जाएगी.
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लखीसराय: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले सात निश्चयों में से एक निश्चय को घोटालेबाजों की बड़ी नजर है. लखीसराय में ये योजना लूट-कमीशनखोरी की भेंट चढ़ चुका है. इस योजना के तहत पंचायत में जमकर माल बटोरा गया है. आरटीआई एक्टिविस्ट टुनटुन प्रसाद ने योजना से जुड़ी जानकारी मांगी तब ये खुलासा हुआ है. इस खुलासे में पता लगा है कि पंचायत के मुखिया द्वारा लगभग 82 लाख रुपए का गबन किया गया है.
एक ही योजना को दो अलग-अलग मद में राशि की निकासी
दरअसल सदर प्रखंड के साबिकपुर पंचायत के मुखिया नीलम देवी और उसके पति नरेश दास ने योजनाओं के चयन में फर्जीवाड़ा कर लाखों रूपए की फर्जी निकासी की गई है. जिन योजनाओं का चयन सात निश्चय के तहत किया गया एवं उस कार्य को पूरा कर भुगतान किया गया फिर से फर्जीवाड़ा करते हुए उसी योजना को 14 वीं और पंचम योजना मद में चयन कर राशि की निकासी कर ली गई. यानी एक ही योजना को दो अलग-अलग मद से चयन कर राशि की निकासी कर ली गई. मतलब साफ है योजना एक भुगतान दो. इस तरह से विभिन्न योजना मद में फर्जीवाड़ा करते हुए लगभग 82 लाख रुपए की फर्जी निकासी कर ली गई है.
योजना एक भुगतान दो
जिसकी बानगी कुछ इस तरह से देखने को मिल रही है. साबिकपुर पंचायत के गोविंदबीघा गांव के वार्ड नं ०-13 में सात निश्चय योजना से शिवमंदिर से शंभू मंडल के घर होते हुए विभिन्न गलियों में ईंट खरंजा एवं पीसीसी कार्य कराया गया है. पुनः इसी योजना को दूसरे मद 14 वीं/पंचम मद से ग्राम गोविन्दबीघा में शंभू मंडल के घर से रामप्रवेश साव के घर होते हुए मुख्य सड़क तक मिट्टी भराई, ईट खरंजा एवं पीसीसी ढ़लाई का कार्य किया गया. मतलब दोनों योजना का नाम एक है, स्थान भी एक है. सिर्फ मद अलग-अलग कर दो बार राशि की निकासी कर ली गई है.
मुखिया द्वारा यहां कोई भी काम नहीं हुआ-ग्रामीण
जब जी मीडिया की टीम योजना की पड़ताल की तो पता चला कि एक ही योजना का नाम में हेराफेरी कर राशि की निकासी की गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मुखिया द्वारा यहां कोई भी योजना कराया ही नहीं गया है जो भी काम हुआ है वो वार्ड सदस्य के द्वारा कराया गया है. इस तरह से लगभग आधा दर्जन से अधिक योजनाओं के नाम और मद में हेराफेरी कर लाखों रूपए का घोटाला किया गया है.
अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
इस बारे में स्थानीय वार्ड सदस्य एवं उप मुखिया के प्रतिनिधि महेंद्र तांती, शंभू मंडल और रणधीर पासवान ने बताया कि पंचायत में मुखिया पति नरेश दास खुद बिचौलिया बनकर काम करते है पंचायत में. मुखिया पति के द्वारा योजनाओं के चयन में फर्जीवाड़ा कर लाखों रूपए की निकासी कर ली गई है. इस बारे में अधिकारियों से शिकायत भी की गई है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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डीएम ने दिए जांच के आदेश
वहीं इस मामले में जिले के डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि जहां भी गड़बड़ी एवं फर्जीवाड़ा की शिकायत मिल रही है वहां अधिकारियों की टीम बनाकर जांच करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि साबिकपुर पंचायत में भी योजना में बरती गई अनियमितता और फर्जीवाड़ा की जांच कराई जाएगी और जो दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.