मिलर हाईस्कूल के छात्र जर्जर बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर, नई इमारत में नहीं हो रही कक्षाएं शिफ्ट
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मिलर हाईस्कूल के छात्र जर्जर बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर, नई इमारत में नहीं हो रही कक्षाएं शिफ्ट

पटना के मिलर हाईस्कूल की पहचान पूरे बिहार में रही है. बीरचंद पटेल पर मौजूद मिलर हाईस्कूल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन पिछले साल अगस्त में हुआ था. उद्घाटन के 10 महीने बीत जाने के बावजूद पुरानी और जीर्ण-शीर्ण इमारत में पढ़ाई हो रही है.

(फाइल फोटो)

Patna: पटना के मिलर हाईस्कूल की पहचान पूरे बिहार में रही है. बीरचंद पटेल पर मौजूद मिलर हाईस्कूल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन पिछले साल अगस्त में हुआ था. उद्घाटन के 10 महीने बीत जाने के बावजूद पुरानी और जीर्ण-शीर्ण इमारत में पढ़ाई हो रही है. टूटी छतें और टूटे फर्श के बीच बिहार के नौनिहाल पढ़ने के लिए मजबूर हैं. तीन करोड़ की लागत से बनी यह बिल्डिंग पूरी तरह से तैयार है लेकिन छात्रों को क्यों पुरानी बिल्डिंग में पढ़ना पड़ रहा है.  इसका जवाब किसी के पास नहीं है. 

28 अगस्त को हुआ था उद्घाटन
इस तरह के हालात कई प्रकार के सवाल खड़े कर रहे हैं. यदि पुरानी बिल्डिंग में ही छात्रों को पढ़ाना था तो फिर नई बिल्डिंग का उद्घाटन क्यों किया गया है. बिल्डिंग की खराब हालत को देखते हुए साल 2019 में मिलर हाईस्कूल की नई बिल्डिंग की आधारशिला रखी गई थी. पिछले साल 28 अगस्त 2021 को शिक्षा मंत्री ने इसका उद्घाटन  किया था. जिस क्लास में छात्र पढ़ रहे हैं उस क्लास की छतें कई जगह से टूटी हुई हैं. छत इतनी पुरानी है कि छत के अंदर के सरिये  साफ तौर पर देखे जा सकते हैं. छात्रों के मुताबिक,क्लास में पढ़ना किसी खतरे से कम नहीं है. सभी छात्र नई बिल्डिंग में पढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.  

सभी सुविधाओं से भरपूर है नई बील्डिंग
दरअसल मिलर हाईस्कूल में क्लास नौ से लेकर बारह तक की पढ़ाई होती है. इस स्कूल की स्थापना साल 1919 में हुई थी. फिलहाल जिस बिल्डिंग में पढ़ाई हो रही है वह काफी पुरानी है. मिलर हाईस्कूल कैंपस में ही नई बिल्डिंग का शिलान्यास साल दो हजार उन्नीस में किया गया था. 28 अगस्त 2021 को नए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका उद्घाटन किया था. नई बिल्डिंग में छात्रों के लिए कॉमन रूम,लेबोरेटरी सहित दूसरी सुविधाएं मौजूद हैं. यहां नई क्वालिटी की बेंच और डेस्क मंगवाई गई. पीने के पानी के लिए आरो और वाटर कूलर है. यह विद्यालय सभी सुविधाओं से भरपूर है. लिहाजा यहां छात्रों के लिए पढ़ाई शुरू होनी चाहिए थी. 

कई सवाल हो रहे हैं खड़े
अगस्त 2021 से जून 2022 तक में पूरे दस महीने का सफर तय हो गया है लेकिन छात्रों की पढ़ाई अभी तक पुरानी और टूटी फूटी इमारत में ही हो रही है.  ऐसे में सवाल ये उठता है कि,आखिर पढ़ाई नई बिल्डिंग में क्यों नहीं हो रही है. यदि पढ़ाई नई बिल्डिंग में नहीं होनी थी फिर उद्घाटन का मकसद क्या था. क्यों शिक्षा मंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराया गया. इस प्रकार से कई सवाल सामने आ रहे हैं. मिलर हाईस्कूल के प्रिंसिपल विनय कुमार सिंह के मुताबिक, कई बार विभाग से नई बिल्डिंग में शिफ्ट कराने की मांग हुई है लेकिन इसको लेकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है. 

मिलर हाई स्कूल का इतिहास है पुराना
मिलर हाई स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों का इतिहास बेहद शानदार रहा है. बिहार की राजनीति की धुरी कहे जाने वाले लालू यादव भी इसी स्कूल के छात्र रहे हैं. बीजेपी के पाटलिपुत्र से सांसद रामकृपाल यादव, पूर्व शिक्षा मंत्री और जदयू नेता कृष्णनंदन वर्मा ने भी इसी स्कूल से पढ़ाई की है. कृष्णनंदन वर्मा के हाथों ही इस स्कूल की नई बिल्डिंग का शिलान्यास किया गया था. फिलहाल सभी छात्रों को नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने का इंतजार है. 

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