शराबबंदी को लेकर जो समीक्षा बैठक हुई, उसमें इस बात को माना गया कि राज्य से शराब की होम डिलीवरी अवैध धंधेबाज करवा रहे हैं. ये राजधानी पटना में सबसे ज्यादा हो रहा है.
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Patna: हाल में जहरीली शराब से जिस तरह के राज्य के विभिन्न जिलों में मौतें हुईं, उसको रोकने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर समीक्षा बैठक की. सात घंटे लंबी तक चली मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री ने हर बिंदु पर बात की और ये निर्देश दिया कि राज्य में न शराब आने देंगे और न बिकने देंगे, इस नीति पर अधिकारियों को काम करना चाहिये. जिन लोगों को जो भी जिम्मेदारी दी गयी है, उसका पूरी सख्ती से पालन करें. जो भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं, उन पर भी सख्त कार्रवाई करें.
'कोई कोताही नहीं बरतें'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि शराबबंदी को सख्ती से लागू करने में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिये. जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गयी है, उसका पूरे मनोयोग से पालन करें. सरकारी कर्मचारी इस मानसिकता से काम करें कि राज्य में न अवैध शराब आने देंगे और न ही किसी को शराब पीने देंगे, जो भी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी ऐसा करते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई करें. समाज में ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं हैं, जो गड़बड़ करते हैं. ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई करें.
'26 को दिलायें शपथ'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 26 नवंबर को मद्य निषेध दिवस (Alcohol Prohibition Day) है, इस दिन फिर से सभी अधाकिरयों और कर्मचारियों को शराब नहीं पीने की शपथ दिलायी जायेगी. सभी मंत्री, विधायक और एमएलसी भी शराबबंदी की शपथ लेंगे. सभी को मिलकर शराबबंदी को कारगर करना है.
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नीरा की उत्पादन फिर से शुरू कराने का निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया और कहा कि सतत जीविकोपार्जन के तहत लाभार्थियों की सही पहचान करके उनको लाभ दिलायें. इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने कहा की कॉल सेंटर में फोन करनेवालों की गोपनीयता को बरकरार रखा जाए. शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायत को हल करने की दिशा में पूरी तरह से एक्टिव रहें. बिजली के पोल- तार और ट्रांसफार्मर पर मद्य निषेध का नंबर लिखा होना चाहिए.
'ADG, IG और DIG दौरा करें'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निचले स्तर कार्रवाई हो रही है, लेकिन उसका अपेक्षित असर नहीं दिखाई दे रहा है. इसलिए अब एडीजी, आईजी और डीआईजी क्षेत्र का दौरा करें. डीएम और एसपी हर 15 दिन में शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक करें, जिसमें मद्य निषेध विभाग और जिले के पीपी को भी शामिल करें.
मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित समीक्षा बैठक की।https://t.co/HV2SDNocYX pic.twitter.com/8K1u6iCGO9
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 16, 2021
मानी होम डिलीवरी की बात
शराबबंदी को लेकर जो समीक्षा बैठक हुई, उसमें इस बात को माना गया कि राज्य से शराब की होम डिलीवरी अवैध धंधेबाज करवा रहे हैं. ये राजधानी पटना में सबसे ज्यादा हो रहा है. इसलिए यहां विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जिन सीमावर्ती इलाकों से शराब बिहार में लायी जाती है. उसके रुट को चिन्हित करें, जिसके बाद ताबड़तोड़ छापेमारी करें.
खुफिया विभाग होगा और सशक्त
बैठक में राज्य के खुफिया विभाग को और सशक्त बनाने का फैसला लिया गया, ताकि शराबबंदी के नेक्सस को ध्वस्त किया जा सके. जिन थानों में शराबबंदी के बाद से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी, उनकी लिस्ट बनाएं और संबंधित थाना प्रभारी पर कार्रवाई करें. शराबबंदी के साथ विधि व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर भी हर हाल में काम करना होगा. जिन थानों में थानेदार की ओर से लापरवाही की गयी है, उसे फिर से 10 साल तक थाना प्रभारी नहीं बनाएं.
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समाज मे फैलाएं शराबबंदी को लेकर जागरूकता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि किस वजह से राज्य में शराबबंदी को लागू किया गया है. ये सब जानते हैं. हमने महिलाओं की मांग पर शराबबंदी को लागू किया था, जिससे समाज मे बदलवा आया है. मुख्यमंत्री ने WHO की रिपोर्ट का हवाला दिया और बताया कि कैसे शराब पीने की वजह से हर साल 30 लाख मौतें होती हैं.
कम हुए हैं अपराध
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक के दौरान बताया कि शराबबंदी से अपराध और रोड एक्सीडेंट में कमी आयी है. समाज मे जागरूकता फैलाने का काम नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग प्रतियोगिता और अन्य सांस्कृतिक माध्यमों से की जाएगी.
मंत्री भी कर सकेंगे समीक्षा
अब जिलों के प्रभारी मंत्री भी शराबबंदी की समीक्षा कर सकेंगे. विभिन्न विभागों कब साथ शराबबंदी को लेकर क्या कदम उठाए हैं, इसकी जानकारी सम्बंधित डीएम और एसपी को प्रभारी मंत्री को देनी होगी.