नीतीश कुमार ने गंगा नदी की उपधारा को जीवित करने के लिए उठाया बड़ा कदम
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नीतीश कुमार ने गंगा नदी की उपधारा को जीवित करने के लिए उठाया बड़ा कदम

मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना की एवं गंगा नदी की मुख्य धारा एवं चैनल के बीच बने बांध की मिट्टी को कुदाल से हटाकर मां गंगा की कलकल धारा को चैनल में प्रवाहित कराया.

घोसवरी घाट पर गंगा आरती का आयोजन भी किया गया.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना जिला के बख्तियारपुर एवं अथमलगोला प्रखंड के घोसवरी घाट ठाकुरबाड़ी, सीढ़ी घाट, मुक्तिधाम घाट होते हुए रामनगर घाट तक पुरानी एवं मृतप्राय गंगा नदी की उपधारा (चैनल) को पुनर्जीवित एवं पुनस्र्थापित करने की योजना का शुभारंभ किया. इस मौके पर घोसवारी घाट पर मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना की एवं गंगा नदी की मुख्य धारा एवं चैनल के बीच बने बांध की मिट्टी को कुदाल से हटाकर मां गंगा की कलकल धारा को चैनल में प्रवाहित कराया.

इस मौके पर घोसवरी घाट पर गंगा आरती का आयोजन भी किया गया. घोसवरी घाट पर गंगा नदी की मुख्यधारा से नवनिर्मित चैनल में गंगा जल प्रवाहित होते ही मुख्यमंत्री ने ताली बजाकर प्रसन्नता व्यक्त की एवं मां गंगा को नमन किया. उन्होंने कहा कि इस चैनल के शुरू होने से बख्तियारपुर के लोगों को पूरे वर्ष गंगा तटों पर गंगाजल की उपलब्धता हो सकेगी.

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गंगा नदी की पुरानी उपधारा के चंपापुर घोसवरी घाट से रामनगर घाट तक के पुनस्र्थापन एवं सक्रियण कार्य के संबंध में विस्तृत जानकारी ली एवं कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

घोसवरी घाट के बाद मुख्यमंत्री ने सीढ़ी घाट का भी निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने गंगा नदी की मुख्यधारा से सीढ़ी घाट तक सुगमतापूर्वक आवागमन हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सीढ़ी घाट के पास ही हमलोग बचपन में गंगा नदी में स्नान करने आते थे. मुझे अपने जन्म स्थान पर आकर प्रसन्नता होती है.

मुख्यमंत्री ने शीलभद्र याजी स्मृति भवन जाकर स्वतंत्रता सेनानी शीलभद्र याजी एवं उनकी पत्नी बालकेश्वरी याजी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी.

(आईएएनएस)

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