जानकारी के अनुसार, पांकी थाना क्षेत्र के सुरजौन टोला निवासी महेन्द्र उरांव खेत में धान की फसल काटने के बाद घर लौट रहे थे. तभी रास्ते में घात लगाए अपराधियों ने धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी और शव को निकट के बसकटिया जंगल में फेंक दिया.
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Palamu: झारखंड में डायन-ओझा के अंधविश्वास में हत्या की घटनाएं थम नहीं रही हैं. पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र में एक 65 वर्षीय वृद्ध महेंद्र उरांव की हत्या डायन-ओझा के संदेह में कर दी गई. पुलिस ने उनका शव गुरुवार को गांव से सटे जंगल से बरामद किया है.
पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में परिजनों के बयान पर गांव के ही कुछ लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जा रही है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. दीपावली की पूर्व संध्या पर हुई इस वारदात से गांव में दहशत का माहौल है.
हत्या कर जंगल में फेंका शव
जानकारी के अनुसार, पांकी थाना क्षेत्र के सुरजौन टोला निवासी महेन्द्र उरांव खेत में धान की फसल काटने के बाद घर लौट रहे थे. तभी रास्ते में घात लगाए अपराधियों ने धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी और शव को निकट के बसकटिया जंगल में फेंक दिया.
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डायन-ओझा के संदेह में हत्या
इधर, महेंद्र देर रात तक घर नहीं पहुंचे तो परिजन उन्हें खोजने निकले. उनकी लाश जंगल में मिली. सूचना मिलने पर गुरुवार को पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच मेदिनीनगर भेजा. पुलिस के मुताबिक, हत्या डायन-ओझा के चक्कर में हुई है.
अंधविश्वास में हत्या की घटनाएं आम!
बता दें कि ये पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी बीते अक्टूबर नवरात्र की नवमी तिथि के दिन इसी जिले के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के शिल्दा खुर्द में भूत-डायन के नाम पर 60 साल की कलावती देवी और उनके पुत्र 38 वर्षीय प्रभु सिंह को गांव के ही दो लोगों ने कुल्हाड़ी से काट डाला था. इसी दिन रांची जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र के दयली गांव में एक ग्रामीण हराधन लोहरा को उसी गांव के एक युवक ने नरबलि देने के लिए धारदार हथियार से काट डाला था.
सितंबर की 25 तारीख को राज्य के गुमला जिले के लूटो गांव में एक परिवार की महिला पर डायन होने का आरोप लगाकर तीन लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी. इसके पहले 22 फरवरी को इसी जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में एक परिवार के पांच लोगों को अंधविश्वास से उपजे विवाद में मार डाला गया था.
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पूरे झारखंड में तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत, डायन-ओझा के अंधविश्वास में हत्या की घटनाएं आम हैं. वर्ष 2015 से 2020 के बीच अंधविश्वास में 250 लोगों की हत्या कर दी गई. पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इन पांच वर्षों में राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में 4660 मामले दर्ज किए गए. वर्ष 2021 में भी राज्य में अंधविश्वास में 50 से ज्यादा लोगों की हत्या हो चुकी हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)