बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस और पप्पू यादव में करीबी बढ़ रही है. यह भी कहा जा रहा है कि यादव पार्टी समेत कांग्रेस से मिल सकते हैं. हालांकि पप्पू यादव ने सिर्फ कांग्रेस को सपोर्ट करने की बात कही है.
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Patna: Pappu Yadav By-Election: बिहार में उपचुनाव को लेकर जोर आजमाइश जारी है. महज दो सीटों पर हो रहे इस चुनाव में भी राजनीतिक दलों में अच्छी रस्सा-कशी देखी जा रही है. अभी हाल ही में कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को अपना प्रचारक बनाया है, तो अब कांग्रेस बिहार में एक और कदम पर फंसती नजर आ रही है. दरअसल कांग्रेस ने पप्पू यादव का समर्थन कर दिया है. इस पर RJD को ऐतराज है. वहीं खुद कांग्रेस में भी कन्फ्यूजन जैसी स्थिति बनी हुई है.
कांग्रेस से बढ़ रही पप्पू यादव की करीबी
दरअसल, बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस और पप्पू यादव में करीबी बढ़ रही है. यह भी कहा जा रहा है कि यादव पार्टी समेत कांग्रेस से मिल सकते हैं. हालांकि पप्पू यादव ने सिर्फ कांग्रेस को सपोर्ट करने की बात कही है. लेकिन यही बात RJD को पसंद नहीं आई है. आरजेडी ने पप्पू यादव को एनडीए की बी टीम बता दिया है. इसके साथ ही इस फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है.
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आरजेडी को क्यों हुआ ऐतराज
दरअसल, कांग्रेस और RJD की राहें अब अलग-अलग हैं. वहीं कांग्रेस हर हाल में ये उपचुनाव जीतना चाहती है. इसके लिए पार्टी के नेताओं ने न केवल तेजप्रताप यादव से संपर्क किया, बल्कि पप्पू यादव को भी अपने साथ लाना चाहती है. RJD से एमएलसी रामबलि चन्द्रवंशी ने कहा कि भाड़े के लोगों से कांग्रेस मजबूत नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी गिरेबां में झांकना चाहिए. कमियों को दूर कर संगठन को मजबूत करने के बजाय भाड़े के लोगों पर उसका ध्यान जा रहा है.
प्रेमचंद मिश्रा ने की पप्पू यादव की तारीफ
वहीं कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने पप्पू यादव की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि पप्पू यादव संघर्षील नेता हैं, कांग्रेस में आते हैं तो उनका स्वागत है. इसके साथ ही कांग्रेस ने RJD की आपत्ति पर सवाल खड़े किए हैं. प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा है कि कोई व्यक्ति किसी दल में जाना चाहता है तो उस दल के नेता का काम है कि वो क्या फैसला लेता है. इसमें किसी दूसरे दल को सलाह देने की जरुरत नहीं है. पप्पू यादव की पत्नी पहले से कांग्रेस में हैं. उनका दिल तो कांग्रेस में ही धड़कता है.
वहीं इस मामले में बीजेपी नेता नितिन नवीन ने कहा है कि कांग्रेस को बैसाखी की आदत पड़ी हुई है. न उन्हें अपने नेता पर विश्वास है और न ही विचार सिद्धांत पर. कांग्रेस दिशा विहीन नेतृत्व विहीन हो चुकी है. ऐसे में कांग्रेस किसी को बुला ले कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. कांग्रेस की नैया डूबनी तय है.
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कांग्रेस की स्थिति क्लियर नहीं
हालांकि पप्पू यादव को लेकर कांग्रेस में सभी लोग स्वीकार्य वाले मोड में हैं, ऐसा लग नहीं रहा है. इससे एक तरीके से कन्फ्यूजन की स्थिति भी बनी हुई है. दरअसल पार्टी का एक धड़ा पप्पू यादव को कांग्रेस की विचारधारा का मान ही नहीं पा रहा है. पार्टी के प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा है कि कांग्रेस में सिर्फ उसी का वेलकम होता है जिसकी विचारधार सेक्यूलर हो. सूडो सेक्यूलर वालों की पार्टी में जगह नहीं है. अब इन सारी स्थितियों के बाद पप्पू यादव और कांग्रेस क्या निर्णय लेते हैं ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन अभी बिहार में बातों के बताशे खूब छन रहे हैं. देखते हैं इनका क्या राजनीतिक असर पड़ता है.