हाजीपुर स्टेशन पर मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर, ठेले पर लाया गया बाहर
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हाजीपुर स्टेशन पर मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर, ठेले पर लाया गया बाहर

वीडियो में स्टेशन के अंदर से एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को स्ट्रेचर के जगह ठेला पर लाद कर बाहर लाया गया और फिर मरीज को निजी गाड़ी से इलाज के लिए पटना भेज दिया गया. हालांकि इंसानियत की मिसाल देते हुए स्थानीय कुलियों ने ठेले की व्यवस्था की थी और बदले में मरीज से कोई पैसे भी नहीं लिए.

हाजीपुर स्टेशन पर मरीज को नहीं मिला स्ट्रेचर, ठेले पर लाया गया बाहर

पटनाः पूर्व मध्य रेलवे जोनल हाजीपुर स्टेशन की शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां गंभीर रूप से बीमार मरीज को स्टेशन पर स्ट्रेचर नहीं मिला. इस दौरान मरीज को ठेले पर लादकर बाहर लाना पड़ा और फिर उसे इलाज के लिए पटना भेजा गया. इस मामले में स्टेशन प्रबंधक ने कहा जानकारी के अभाव में ऐसा हुआ होगा. हाजीपुर स्टेशन से आई ये तस्वीर निजाम और इंतजाम दोनों के दावों का सच दिखाती है.

इंतजाम के दावों की खुली पोल
जानकारी के मुताबिक, हाजीपुर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर हाजीपुर रेलवे स्टेशन से आई है. हाजीपुर का रेलवे स्टेशन पर पूर्व मध्य रेलवे का जोनल ऑफिस भी है. ऐसे में तमाम तरह के व्यवस्थाओं के दावे स्टेशन पर किए जाते हैं. इन तमाम दावों की पोल खोलती हुई वीडियो सामने आई है. 

ठेले पर लादकर लाए बाहर
वीडियो में स्टेशन के अंदर से एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को स्ट्रेचर के जगह ठेला पर लाद कर बाहर लाया गया और फिर मरीज को निजी गाड़ी से इलाज के लिए पटना भेज दिया गया. हालांकि इंसानियत की मिसाल देते हुए स्थानीय कुलियों ने ठेले की व्यवस्था की थी और बदले में मरीज से कोई पैसे भी नहीं लिए. दरअसल महाराजगंज सिवान के रहने वाले अशोक पांडे की तबीयत बहुत खराब थी. उन्हें इलाज के लिए सीवान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां से उन्हें पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. 

स्टेशन पर नहीं है स्ट्रेचर की व्यवस्था
उनके पुत्र गोविंद कुमार पांडे और पत्नी के द्वारा गंभीर रूप से बीमार अशोक पांडे को ट्रेन से हाजीपुर स्टेशन लाया गया, लेकिन हाजीपुर स्टेशन पर स्ट्रेचर नहीं होने से बीमार के परिजन परेशान हो गए. इसी दौरान महेंद्र कुमार और अनिल कुमार को दया आई तो इन लोगों ने पार्सल से एक ठेला ले जाकर मरीज की मदद की और फिर उन्हें स्टेशन के प्लेटफार्म से बाहर लाया गया. जिसके बाद में निजी वाहन से इलाज के लिए पटना चले गए. हालांकि इस विषय पर स्टेशन प्रबंधक राजेंद्र भगत से पूछ गया उन्होंने साफ तौर से कहा कि स्टेशन पर स्ट्रेचर उपलब्ध हैं. जानकारी नहीं होने के कारण ऐसा किया गया होगा. वही कुली अनिल कुमार का कहना है कि स्टेशन पर स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं है. वीलचेयर की व्यवस्था है. जिस पर जाने लायक नहीं था. इसलिए ठेला से लाया गया.

 

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