महिला सफाईकर्मियों को एक खास नाम भी दिया गया है स्वच्छांगिनी. स्वच्छांगिनी की टीम हर दिन पटना के अलग अलग ईलाकों में जाकर मैनहॉल की सफाई कर रही हैं. सीवरेज के बडे़ बडे़ भारी ढ़क्कन को हाथों से हटाना और मैनहॉल की सफाई करना इनके रुटीन वर्क में शामिल है.
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Patna: महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बिहार ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है. अब पटना में मेनहॉल की सफाई महिलाए कर्मचारी करेंगी. यानी जो काम अबतक के इतिहास में पुरुष कर्मचारी करते आए थे अब उनकी जिम्मेवारी महिलाओं के कंधों पर आ गई हैं. पटना नगर निगम ने स्वच्छांगिनी नाम से महिला सफाई कर्मियों की एक यूनिट तैयार की है जो महिला सशक्तिकरण की बड़ी मिसाल पेश कर रही हैं.
पुरुष प्रधान काम में भी महिलाओं का प्रवेश
समाज में पुरुषों और महिलाओं के काम में अब फर्क नहीं किया जाता है. लेकिन अभी भी कुछ काम ऐसे होते थे जिन पर पुरुषों का एकाधिकार समझा जाता था. क्योंकि ये काम मजबूत शरीर का होता था. लेकिन महिलाओं ने इन कामों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है. जीहां, महिलाएं अब पटना के बडे़ मेनहॉल की सफाई करती नजर आएंगी. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.
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पटना नगर निगम की स्वच्छांगिनियों ने पुरुषों के एकाधिकार को खत्म किया
पटना नगर निगम के पाटलीपुत्र अंचल में सफाई की जिम्मेवारी अब महिला सफाई कर्मियों को सौंपी गई है. महिला सफाईकर्मियों को एक खास नाम भी दिया गया है स्वच्छांगिनी. स्वच्छांगिनी की टीम हर दिन पटना के अलग अलग ईलाकों में जाकर मैनहॉल की सफाई कर रही हैं. सीवरेज के बडे़ बडे़ भारी ढ़क्कन को हाथों से हटाना और मैनहॉल की सफाई करना इनके रुटीन वर्क में शामिल है.
पटना के बडे मैनहॉल की अत्याधुनिक मशीनों से सफाई कर रहीं महिलाए सफाईकर्मी
पटना के पटेल नगर में भी स्वच्छांगिनी की टीम मेहनत करती नजर आईं. 40 डिग्री की भीषण गर्मी में जिस यूनिफार्म को पहनना पुरुष कर्मियों के बस की बात नहीं होती वहीं स्वच्छांगिनी की मेंबर बडे़ ही जतन से काम करती नजर आ रही हैं. स्वच्छांगिनी टीम की मेंबर रानी देवी बताया कि उन्होंने इस काम के लिए दो महीनों की ट्रेनिंग ली है. इतना ही नहीं इनकी टीम के मेंबर को गाड़ी चलाने का भी प्रशिक्षण दिया गया है. ताकि जरुरत पड़ने पर ये सभी तरह के काम कर सकें. हालांकि टीम की दूसरे मेंबर से पूछा गया कि वो इतना भारी काम कैसे कर लेती हैं तो उनका जवाब था भारी कुछ भी नहीं, काम तो काम होता है.
स्वच्छांगिनी की टीम को देखकर पुरुष भी तारीफ करते नहीं थक रहे
स्वच्छांगिनी टीम का जलवा ऐसा है कि जब ये किसी मुहल्ले में अपने पूरे साजों सामान के साथ सफाई के लिए पहुंचती हैं तो मुहल्ले वाले स्तब्ध नजर आ रहे हैं. उन्हें यकीन नहीं होता कि वो पटना में ऐसी तस्वीर देख रहे हैं. जो काम अबतक पुरुष करते थे वो काम अब महिलाएं कर रही हैं.
स्वच्छांगिनी की चार टीमें पटना में काम करेंगी, हर टीम में पांच महिला सफाईकर्मी होंगी
दरअसल पटना नगर निगम ने स्च्छांगिनी योजना के तहत ऐसी चार टीमों को पटना में स्वच्छता के अभियान में उतारने का फैसला लिया है. हर टीम में पांच महिला सदस्य और क्लीनिंग मशीन की यूनिट शामिल है. इन चारों टीम का नाम नदियों के नाम पर है. गंगा यमुना नर्मदा गोदवारी के नाम पर इन टीमों का नाम है. हालांकि अभी फिलहाल गंगा की टीम ही सफाई अभियान में जुट पाई है. चूंकी काम बेहद चुनौतीपूर्ण है इसलिए दूसरी टीम को ट्रेनिंग देकर तैयार किया जा रहा है. स्वच्छांगिनी की टीम से जुडी महिलाओं को दो महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें ऑटोमेटिक जेट क्लीनिंग मशीन के परिचालन से लेकर गाडियों को चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है.
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पटना नगर निगम महिला सशक्तिकरण की पेश कर रहा मिशाल
पटना नगर निगम की डिप्टी मेयर रजनी देवी बताती हैं कि इस मुहीम के पीछे महिला सशक्तिकरण की योजना काम कर रही है। पटना नगर निगम की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इस स्वच्छता की मुहीम से जोड़ा जाए और पटना नगर निगम को महिला सशक्तिकरण का एक विशेष केन्द्र बनाया जाए. नगर निगम के दफ्तर का काम हो या दफ्तर से बाहर का काम महिलाओं को शक्ति हर जगह दिखनी चहिए.
पुरुषों को अब टक्कर देंगी महिलाएं
कुल मिलाकार कहा जाय तो स्वच्छांगिनी ने महिला सशक्तिकरण को लेकर बिहार में मिशाल पेश कर दी है. अब किसी भी काम में पुरुषों के एकाधिकार का दावा करना बेहद ही मुश्किल हो चुका है. क्योंकि महिलाएं अब ताकत वाले कामों में भी पुरुषों से पीछे नहीं