इस बार बेहतरीन तरीके से होगा श्रावणी मेले का आगाज, प्रशासन और दुकानदारों ने शुरू की तैयारी
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इस बार बेहतरीन तरीके से होगा श्रावणी मेले का आगाज, प्रशासन और दुकानदारों ने शुरू की तैयारी

भागलपुरः भागलपुर के सुलतानगंज से जल भरकर हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पैदल बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते और बाबा पर जल चढ़ाते हैं. सुलतानगंज के गंगा घाट से श्रद्धालु जल भरते हैं जो बिहार के भागलपुर जिले में पड़ता है. यह विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला दो साल कोरोना की वजह से आयोजित नहीं हुआ.

(फाइल फोटो)

भागलपुरः भागलपुर के सुलतानगंज से जल भरकर हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पैदल बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते और बाबा पर जल चढ़ाते हैं. सुलतानगंज के गंगा घाट से श्रद्धालु जल भरते हैं जो बिहार के भागलपुर जिले में पड़ता है. यह विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला दो साल कोरोना की वजह से आयोजित नहीं हुआ. ऐसे में इस बार इस मेले में रौनक लौटने की आशा है. इसको लेकर प्रशासन और दुकानदारों ने डेढ महीने पहले से तैयारी शुरू कर दी है. 

सुलतानगंज के अजगैबीनाथ धाम में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में महज डेढ़ माह शेष रहने पर प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गई हैं. साथ ही स्थानीय दुकानदारों ने भी कांवड़ कि दुकानों सहित अन्य दुकानों को सजाना और मेले के लिए अन्य तैयारी शुरू कर दी है. दुकानदारों ने बताया कि 2 साल से श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होने से उनका 5 लाख रुपये से भी अधिक का नुकसान हो चुका है.

ऐसे में दुकानदारों ने बताया कि इस बार कावड़ियों के जुड़े सामानों को अधिक स्टॉक नहीं किया है. मेला शुरू होने के बाद ही सामानों की थोक विक्रेता से खरीदारी की जाएगी. कई दुकानदारों ने बताया है कि मेले में कांवरियों के चलने के बाद ही हम लोग दुकान में दुकानदारी को लेकर सामानों की खरीदारी करेंगे. 

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वहीं प्रशासनिक स्तर पर मेले को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. 30 जून तक हर हाल में तैयारी पूरी कर लिए जाने का निर्देश पदाधिकारियों ने सभी कर्मियों को दिया है. जिसको लेकर सभी विभाग प्राक्कलन बनाकर तैयारी को जमीनी स्तर पर शुरू करने की रणनीति बना चुके हैं. नगर परिषद द्वारा धर्मशाला का रंग रोगन, बाईपास सड़क मरम्मत, नाले की सफाई, शहीद अजगैबीनाथ मंदिर पुल पर निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. 

इसको लेकर कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि निर्धारित समय पर सारा कार्य पूरा कर लिए जाने का निर्देश सभी कर्मियों को दिया गया है. कांवरियों की सुविधा को लेकर नगर परिषद पुरी तरह तत्पर है. बाहर से आने वाले दुकानदारों ने अपना जमीन चिन्हित करना शुरू कर दिया है और कपड़ों और डिब्बे की दुकान सजने लगी है. लोगों में काफी उत्साह है. श्रावणी मेला चलने को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग भी अपनी तैयारी तेज कर चुके हैं. 

बताते चलें की श्रावणी मेले में मुस्लिम समुदाय के लोग भी काफी संख्या में अपनी भागीदारी निभाते हैं और कांवरिया से जुड़े सामानों की बिक्री कर उनकी सेवा तक करते हैं. कई मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताया कि इस दौरान वह साबुन लगाना और मांसाहारी भोजना करना भी छोड़ देते हैं और कांवरियों की सेवा करते हैं. मेले के दौरान एक सौ करोड़ से अधिक का कारोबार होता है. 2 साल से मेला नहीं लगने के कारण इन लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. पंडा समाज के कई लोगों ने बताया कि 2 साल से मेला नहीं चलने के कारण हम लोगों के घर की हालत काफी खस्ता हो गई थी. इस बार श्रावणी मेला चलेगा तो कर्ज से मुक्ति मिलने कि आस हैं. 

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