बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के फाउंडर सेक्रेटरी आर्य पाल भिक्षु ने बताया कि मिशन की नींव वर्ष 2011 में रखी गयी थी. 2019 से इस प्रतिमा का निर्माण कार्य कोलकाता के प्रसिद्ध मूर्तिकार मिंटू पॉल के द्वारा कराया जा रहा है.
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गया: बोधगया में भगवान बुद्ध की विश्व की सबसे लंबी प्रतिमा बनाई जा रही है. यह प्रतिमा बोधगया के जानी बीघा गांव में तैयार की जा रही है. भगवान बुद्ध की 100 फीट लंबी, 30 फीट ऊंची और 24 फीट चौड़ी प्रतिमा महापरिनिर्वाण व शयन मुद्रा में बनाई जा रही है. इसका निर्माण वर्ष 2019 से कोलकाता के बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के द्वारा कराया जा रहा है.
फाइबर ग्लास से बनाई जा रही प्रतिमा
बता दें कि इस मुद्रा में भगवान बुद्ध की यह मूर्ति विश्व की सबसे लंबी मूर्ति है. बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के फाउंडर सेक्रेटरी आर्य पाल भिक्षु ने बताया कि मिशन की नींव वर्ष 2011 में रखी गयी थी. 2019 से इस प्रतिमा का निर्माण कार्य कोलकाता के प्रसिद्ध मूर्तिकार मिंटू पॉल के द्वारा कराया जा रहा है. भगवान बुद्ध की प्रतिमा फाइबर ग्लास से बनाई जा रही है.
फरवरी 2023 में होगा प्रतिमा का उद्घाटन
आम दर्शकों व श्रद्धालुओं के लिए फरवरी 2023 में इस प्रतिमा का उद्घाटन कर दिया जाएगा. बता दें कि भगवान बुद्ध को बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और यहीं से उनके प्रवचन व संदेश विश्व के कोनेकोने में फैले थे. भगवान बुद्ध ने इसी मुद्रा में महापरिनिर्वाण के पहले कहा था कि आज से 3 महीने बाद उनकी मृत्यु होगी और उन्होंने अपना अंतिम संदेश इसी मुद्रा में दिया था. सचिव ने बताया कि इस प्रतिमा का निर्माण कार्य बहुत पहले ही पूरा हो जाता, लेकिन कोरोना की वजह से विलंब हुआ है.
भगवान बुद्ध की प्रतिमा में उनके दाहिने हाथ पर उनका सिर टिका है. सिर उत्तर दिशा में है और उनका मुख पश्चिम दिशा में है. उनके चेहरे पर शांत भाव है व दोनों होंठ एक दूसरे से सटे हुए हैं, मानो भगवान मुस्कुरा रहे हैं. बता दें कि भगवान बुद्ध को 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई थी.
(इनपुट-जयप्रकाश कुमार)