बिहार के छपरा में एक हजार से अधिक जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं अपनी मांगों को लेकर शहर में मार्च निकाला. फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के बैनर तले 1500 से अधिक राशन डीलर्स ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर शिशु पार्क से लेकर सारण समाहरणालय तक पैदल मार्च किया.
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छपरा: बिहार के छपरा में एक हजार से अधिक जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं अपनी मांगों को लेकर शहर में मार्च निकाला. फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के बैनर तले 1500 से अधिक राशन डीलर्स ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर शिशु पार्क से लेकर सारण समाहरणालय तक पैदल मार्च किया.
इसके बाद फिर समाहरणालय में जिलाधिकारी से मिलकर राशन डीलरों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. इस दौरान फ़ेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष युगल किशोर भारती ने बताया कि सालों से हमारी मांगे लंबित है. आज बिहार राज्य फ़ेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के निर्देश के बाद आज पूरे बिहार में प्रदर्शन किया गया. छपरा में भी आज सभी ने अपनी आठ सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए दुकानदारों ने प्रदर्शन किया है.
ये हैं मुख्य मांगें
इन मांगों के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के विक्रेताओं को सरकारी सेवक घोषित किया जाए या प्रत्येक को प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेय दिया जाए. राज्य खाद्य निगम के यहां विक्रेताओं का बकाया भुगतान सरकार जल्द से जल्द करे व इसका समायोजन करे.
अनुकंपा की उम्र सीमा समाप्त किया गया. पहले की तरह निलंबन प्रकिया को बहाल किया जाना चाहिए. अभी विक्रेताओं को साप्ताहिक छुट्टी एवम राजपत्रित अवकाश दिया जाए. चीनी एवं अन्य सामग्री का आवंटन किया जाए. राज्यस्तरीय साप्ताहिक जांच को बन्द किया जाए, ताकि जांच के नाम पर विक्रेताओं का भयदोहन न हो. मृत्यु के बाद विक्रेताओं को सरकारी तौर पर 10 लाख रुपये की बीमा निर्धारित की जाए.
सही मात्रा में नहीं मिलता राशन
इसके अलावें विक्रेताओं ने कुछ स्थानीय मांगे भी रखीं, जिसके तहत जिला टास्क फोर्स की बैठक में एसोसिएशन प्रतिनिधि को एक भी बैठक में नहीं बुलाया गया, इसके लिए आमंत्रित किया जाए. राज्य खाद्य निगम द्वारा डीलरों को खाद्यान सही मात्रा में वजन कर दिया जाए. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के जनवितरण विक्रेताओं का किरासन तेल सबसे नजदीक थोक विक्रेताओं के साथ संबद्ध किया जाय चूंकि तेल की मात्रा कम है और परिवहन व्यय भी ज्यादा है, जिससे डीलरों का आर्थिक नुकसान हो रहा.