Patna High Court: 43 कोर्ट रूम के साथ शताब्दी भवन में 1 एक संविधान न्यायालय कक्ष, न्यायाधीशों के लिए 57 चैंबर, 6 समिति कक्ष, 1 सम्मेलन कक्ष है जिसमें 90 व्यक्ति बैठ सकते हैं. 2 पुस्तकालय, 1 महिला लाउंज है.
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Patna: पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के शताब्दी भवन का उद्घाटन भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे (Sharad Arvind Bobde) रविवार को किया. शुक्रवार की शाम वे पटना पहुंचे. राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान से मिले. वहीं, सीजेआई ने रात्रि विश्राम किया.
नीतीश कुमार भी होंगे शामिल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय विधि व न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नवीन सिन्हा, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस हेमंत गुप्ता, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल समेत और कई सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस अवसर पर उपस्थित रहे.
204 करोड़ से बने शताब्दी भवन में क्या है खास
43 कोर्ट रूम के साथ शताब्दी भवन में 1 एक संविधान न्यायालय कक्ष, न्यायाधीशों के लिए 57 चैंबर, 6 समिति कक्ष, 1 सम्मेलन कक्ष है जिसमें 90 व्यक्ति बैठ सकते हैं, 2 पुस्तकालय, 1 महिला लाउंज है. जो उच्च के उत्तर पूर्वी लॉन में पूरी होती है. लगभग 204 करोड़ की लागत से यह भवन बना है.
2014 में रखी गई थी आधारशिला
शताब्दी भवन की आधारशिला बिहार के मुख्यमंत्री (Nitish Kumar) द्वारा 4 फरवरी, 2014 को मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोषित की उपस्थिति में रखी गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और सेवानिवृत्त न्यायाधीश, कई राज्यों के गणमान्य व्यक्ति और अधिवक्ता उपस्थित थे.
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1916 में बना था पटना हाईकोर्ट का मुख्य भवन
पटना उच्च न्यायालय भवन (मुख्य) 3 फरवरी 1916 को पूरा हुआ और उच्च न्यायालय ने वास्तव में 1 मार्च 1916 से मुख्य न्यायाधीश सर एडवर्ड मेयरड डेस चैंप्स चामियर के साथ छह अन्य न्यायाधीशों के साथ काम शुरू किया.