मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है. सीएम ने सभी मृत्यों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है.
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पटना: बिहार में वज्रपात से अलग-अलग जिलों में 87 लोगों की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. सीएम ने सभी मृत लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है.
सीएम ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है. साथ ही नीतीश कुमार ने लोगों से खराब मौसम में घरों से नहीं निकलने और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किए जानेवाले निर्देशों का पालन करने की अपील की है.
तेजस्वी यादव ने भी इस आपदा पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, 'बिहार के विभिन्न जिलों में वज्रपात के कारण हुई आज 83 लोगों की असामयिक मौत से मर्माहत हूं. मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं. भगवान सभी की आत्मा को शांति प्रदान करे. सरकार से अपील है कि पीड़ित परिवारों व आश्रितों तक उपयुक्त अनुग्रह राशि यथाशीघ्र पहुंचाए.'
बिहार के विभिन्न जिलों में वज्रपात के कारण हुई आज 83 लोगों की असामयिक मौत से मर्माहत हूँ। मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।भगवान सबों की आत्मा को शांति प्रदान करे।
सरकार से अपील है कि पीड़ित परिवारों व आश्रितों तक उपयुक्त अनुग्रह राशि यथाशीघ्र पहुँचाए।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 25, 2020
आपको बता दें कि बिहार में आकाशीय बिजली ने भारी तबाही मचाई है. बिहार के गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, सीवान , मधुबनी, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया में वज्रपात गिरने से 87 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग ने 83 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
साथ ही बिहार में लगातार बारिश हो रही है और गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के 16 जिलों में अगले 72 घंटों में भारी बारिश और वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि संख्यात्मक मौसम मॉडल के आंकलन के अनुसार राज्य के कई भागों में अगले 72 घंटों के दौरान भारी बारिश और वज्रपात की संभावना है.
मौसम विभाग ने कहा है कि भारी बारिश के कारण जान-माल की हानि, निचले स्थानों में जलजमाव, यातायात बाधित, बिजली की समस्या और नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की भी संभावना है.