बिहार चुनाव में CM ने किया था एशिया के सबसे बड़े मेगा स्क्रीन का वादा, अब तक नहीं हुआ पूरा
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बिहार चुनाव में CM ने किया था एशिया के सबसे बड़े मेगा स्क्रीन का वादा, अब तक नहीं हुआ पूरा

मेगा स्क्रीन परियोजना का मकसद था, एक साथ 5 हजार लोग खुले मैदान में क्रिकेट, थियेटर और फिल्म का आनंद ले सकें. क्योंकि गांधी मैदान काफी बड़ा मैदान है और यहां कनेक्टिविटी भी काफी अच्छी है. 

बिहार चुनाव में CM ने किया था एशिया के सबसे बड़े मेगा स्क्रीन का वादा, अब तक नहीं हुआ पूरा.

पटना: बिहार में 19 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की पहली परियोजना का उद्घाटन किया. राजधानी के गांधी मैदान में बने मेगा स्क्रीन परियोजना का उद्घाटन बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया. मेगा स्क्रीन परियोजना का मकसद था कि एक साथ पांच हजार लोग खुले आसमान में फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, खेल का आनंद 75 फीट लंबे और 42 फीट चौड़े फुल एचडी स्क्रीन पर देख कर ले सकें.

भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में इस तरह की ये पहली परियोजना थी, लेकिन उद्घाटन के बाद आज तक इस मेगा स्क्रीन परियोजना का लाभ आम लोगों को नहीं मिल सका है. दरअसल, पटना का चयन जब स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हुआ उसके बाद दर्जनों योजना की शुरुआत राजधानी में की गई. उन्हीं योजना में मेगा स्क्रीन पहली ऐसी परियोजना थी जिसका उद्घाटन खुद नीतीश कुमार ने किया था.

मेगा स्क्रीन परियोजना का मकसद था, एक साथ 5 हजार लोग खुले मैदान में क्रिकेट, थियेटर और फिल्म का आनंद ले सकें. क्योंकि गांधी मैदान काफी बड़ा मैदान है और यहां कनेक्टिविटी भी काफी अच्छी है. लिहाजा इसी मैदान में मेगा स्क्रीन लगाई गई. मेगा स्क्रीन परियोजना पर 6 करोड़ 98 लाख रूपए खर्च किए गए थे. 

ऐसे में सवाल ये होता है कि आखिर जिस मेगा स्क्रीन की लागत करीब 7 करोड़ रूपए है उससे लोगों का मनोरंजन क्यों नहीं हो रहा है. 

पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुताबिक कोरोना की वजह से फिल्मों, थियेटरों और खेलों का प्रसारण रूका हुआ है. स्मार्ट सिटी लिमिटेड की जनसंपर्क अधिकारी हर्षिता के मुताबिक कुछ गाइडलाइन सरकार से जरूरी होती है, जब बड़े सार्वजनिक जगहों पर फिल्मों या खेलों का प्रसारण होता है. कोरोना भी एक वजह है क्योंकि गांधी मैदान में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखना आसान नहीं है.

ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है जब राजनीतिक रैलियों में हजारों लोग आ सकते हैं तो फिर गांधी मैदान में मेगा स्क्रीन के जरिए फिल्मों के प्रसारण में क्या दिक्कत है. 

क्या है मेगा स्क्रीन परियोजना की खासियत  
गांधी मैदान में लगी मेगा स्क्रीन भारत ही नहीं एशिया की पहली मेगा परियोजना है जहां एक साथ खुले मैदान में पांच हजार लोग फिल्मों, थियेटरों का आनंद ले सकते हैं.

6 करोड़ 98 लाख रूपए की लागत से तैयार है मेगा स्क्रीन परियोजना 
मेगा स्क्रीन परियोजना पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की पहली परियोजना जिसका उद्घाटन नीतीश कुमार ने किया था. पीवीसी सामग्री से बने फुल एचडी स्क्रीन को 30 फीट की ऊंचाई पर ट्रस के जरिए लगाया गया है. मेगा स्क्रीन डॉल्बी डिजिटल सिस्टम से लैस है और सूरज ढलने के बाद फिल्मों के प्रसारण का समय तय किया गया है. 

मेगा स्क्रीन परियोजना की लागत- 6 करोड़ 98 लाख 
परियोजना को शुरू करने की तारीख- 4 अप्रैल 2019 
परियोजना को खत्म करने की तारीख- 3 अक्टूबर 2019 
100 से 150 मीटर के दायरे में बैठ लोग इस स्क्रीन पर फिल्में देख सकते थे, लेकिन ये परियोजना काफी विलंब से पूरी हुई. 

जब चुनावी रैलियों में हजारों लोग शामिल हो सकते हैं और रैलियों की इजाजत भी जिला प्रशासन से मिल जाती है तो फिर गांधी मैदान में फिल्मों के प्रसारण के लिए अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है. करीब 7 करोड़ खर्च करके कोई परियोजना आम लोगों को लाभ नहीं पहुंचा सके तो फिर सवाल खड़े होने लाजिमी हैं.