हरियाणा पुलिस के द्वारा ये खुलासा करने के बाद बिहार का स्वास्थ्य महकमे भी नींद से जागा. निलेश कुमार की गिरफ्तारी मामले में अब स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान ले लिया है.
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Anti Rabies Vaccine Scam: बिहार में एंटी रेबीज वैक्सीन के नाम पर बड़े लेवल पर घोटाला किए जाने के संकेत मिल रहे हैं. इस घोटाले का तार हरियाणा और ओडिशा सहित कई राज्यों जुड़े हैं. इस हेरफेर का खुलासा तब हुआ जब हरियाणा पुलिस ने मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के ओटी असिस्टेंट निलेश कुमार को गिरफ्तार किया. हरियाणा पुलिस के मुताबिक आरोपी निलेश कुमार ओडिशा के एमआर अनिरुद्ध गौड़ के साथ मिलकर रेबीज इंजेक्शन की तस्करी करता था. हरियाणा पुलिस के मुताबिक, एंटी रेबीज वैक्सीन को मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल से चोरी करके बेचा जाता था.
वैक्सीन को नाम बदलकर दूसरे राज्यों में भी बेचा जाता था. सदर अस्पताल से एंटी रैबीज इमनोग्लोबिन दवा की कालाबाजारी 500 लोगों के नाम पर की जा रही थी. कहा जा रहा है कि फर्जी लोगों के नाम पर वैक्सीन को दर्ज कर दिया जाता था. उसके बाद इसे बाहर बेच दिया जाता था. बता दें कि मार्केट में ये इंजेक्शन आसानी से नहीं मिलता है, वहीं सरकारी अस्पतालों में यह फ्री में लगाया जाता है. काला बाजारी के जरिए इसे बाहर मार्केट में 4 हजार से 6 हजार रुपये में बेचा जा रहा था. इस काम में ओडिशा का रहने वाला एमआर अनिरुद्ध गौड़ भी शामिल था.
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हरियाणा पुलिस के द्वारा इस कथित घोटाले का खुलासा करने के बाद बिहार का स्वास्थ्य महकमे भी नींद से जागा. निलेश कुमार की गिरफ्तारी मामले में अब स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान ले लिया है. सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने अस्पताल के उपाधीक्षक से पूरे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. विभाग अपने स्तर से टीम बनाकर जांच कर करेगी करवाई. सदर अस्पताल के कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है. संभावना जताई जा रही है कि इस घोटाले की जांच में प्रदेश के कई बड़े डॉक्टर भी चपेट में आ सकते हैं.