पीके ने कहा कि जो काम नीतीश आज कर रहे हैं, वही काम चंद्रबाबू नायडू 5 साल पहले कर चुके हैं. उस वक्त वो भी इसी भूमिका में थे, जिस भूमिका में आज नीतीश हैं.
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Prashant Kishor On Nitish Kumar: कर्नाटक में विपक्षी एकता को मिले झटके के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से इस मुहिम में जुट गए हैं. वो इस वक्त दिल्ली में हैं और मोदी विरोधियों से मुलाकात कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि 2024 में पूरे विपक्ष को एक छतरी के नीचे खड़ा किया जा सके हैं. हालांकि उनकी इस कवायद को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आईना दिखा दिया है. विपक्षी एकता को लेकर पीके ने बड़ी भविष्यवाणी की है.
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वह क्या कर रहे हैं, इस पर ज्यादा बोलने का कोई मतलब नहीं है. पीके ने कहा कि जो काम नीतीश आज कर रहे हैं, वही काम चंद्रबाबू नायडू 5 साल पहले कर चुके हैं. उस वक्त वो भी इसी भूमिका में थे, जिस भूमिका में आज नीतीश हैं. नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए पीके ने कहा कि नीतीश को बिहार की चिंता करनी चाहिए. राजद के साथ उनका खुद का कोई ठिकाना नहीं है.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का खुद का कोई ठिकाना नहीं है और वो दूसरी पार्टियों को इकट्ठा करने में लगे हैं. राजद का आज बिहार में एक भी सांसद नहीं है और वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहा है. पीके ने कहा कि उस वक्त चंद्रबाबू नायडू तो आंध्र प्रदेश में बहुमत की सरकार चल रहे थे, जबकि नीतीश तो 42 विधायकों के साथ लंगड़ी सरकार चला रहे हैं. देश के चक्कर में चंद्रबाबू नायडू के हाथों से आंध्र प्रदेश भी फिसल गया था. उनके सांसद घटकर तीन हो गए और विधायक सिर्फ 23 जीते थे.
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नीतीश विपक्षी एकजुटता की कवायद में लगे हैं, वहीं उनके साथी ही नया ठिकाना खोज रहे हैं. दरअसल, महागठबंधन में शामिल 'हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा' के संरक्षक जीतन राम मांझी ने 2024 में 5 सीटों की डिमांड की है. हम पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संतोष मांझी ने भी साफ कहा कि इससे कम सीटों पर बात नहीं बनेगी. इस तरह की बयानबाजी से मांझी ने नीतीश कुमार को बड़ी टेंशन दे दी है.