आमतौर पर साइको किलर ऐसे व्यक्तियों को कहते हैं जो एक ही तरीके से लोगों की हत्या करते जाते हैं. जिनके अंदर किसी किस्म की बदले की भावना होती है, बिहार के बेगूसराय में भी खुलेआम गोलीबारी की गई जिसे साइको किलिंग का नाम भी दिया गया.
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पटना : बिहार के बेगूसराय में साइको किलर का कहर देखने को मिला, पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ चल रही है, दरअसल बीती 13 सितंबर को बाइक सवार बदमाशों ने NH-28 और NH-31 पर कई जगहों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, 10 लोगों को गोली लगी, जिसमें एक की मौत हो गई है तो वहीं 9 घायल अस्पताल में भर्ती हैं, इससे पहले भी बिहार ने 2 साइको किलर्स के खौफनाक करतूतों को देखा है, इस लेख में जानिए बिहार में जन्मे दो खतरनाक साइको किलर्स की कहानी...
आमतौर पर साइको किलर ऐसे व्यक्तियों को कहते हैं जो एक ही तरीके से लोगों की हत्या करते जाते हैं. जिनके अंदर किसी किस्म की बदले की भावना होती है, बिहार के बेगूसराय में भी खुलेआम गोलीबारी की गई जिसे साइको किलिंग का नाम भी दिया गया. आरोपियों की कुछ तस्वीरें CCTV में कैद हुईं जिसके बाद एक-एक करके सारे चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन सवाल यही उठता है कि आखिर किसी की जान लेने का ये कैसा जुनून है, आखिर क्यों बेवजह कोई किसी की जान लेने पर अमादा हो जाता है.
IT कंपनी का कर्मचारी अविनाश श्रीवास्तव बन गया था साइको किलर
दरअसल, अविनाश बिहार में MLC रहे ललन श्रीवास्तव का बेटा है, जिनकी साल 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जानकारी के मुताबिक उस वक्त अविनाश एक IT कंपनी में काम करता था, लेकिन पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने हथियार उठा लिए और साल 2003 में उसने अपने पिता के हत्यारोपी को 32 गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया, लेकिन अविनाश यहां रुका नहीं बल्कि उसने अपने पिता के बाकी हत्यारों को भी चुन-चुनकर मारा. अविनाश पर करीब 20 लोगों की हत्या करने का आरोप है. अविनाश के मुताबिक अपने पिता के हत्यारे की 32 गोलियां मारकर जान लेने का ऐसा ही सीन गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म में भी दिखाया गया है, उसका दावा है कि वो सीन अविनाश की इसी वारदात पर आधारित है.
8 साल का मासूम बच्चा अमरदीप बना साइको किलर
बिहार ने दुनिया के सबसे कम उम्र वाले सीरियल किलर को भी देखा है, जिसने केवल 8 साल की उम्र में कई लोगों को बेदर्दी से मार दिया था, इस किलर का नाम सुनते ही लोगों में सिहरन पैदा हो जाती थी. जिस उम्र में बच्चे हंसते खेलते हैं उस उम्र अमरदीप लोगों की जान ले रहा था. बिहार के इस मिनी सीरियल की कहानी शुरू होती है साल 2007 में जब बेगूसराय के छोटे से गांव मुसहरी में एक के बाद एक दो मासूमों की हत्या हुई, इसके बाद साल 2007 में ही कथित तौर पर अमरदीप ने अपनी छोटी बहन की भी हत्या की, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि किलर कोई और नहीं बल्कि 8 साल का अमरजीत है. हालांकि शक होने के बाद कड़ाई से पूछे जाने पर साइको किलर अमरदीप ने सारी बातें कह दीं. पुलिस ने जब अमरदीप से इन हत्याओं के पीछे की वजह पूछी, तो उसकी बातें सुन सब हैरान रह गए. उसका कहना था कि लोगों को मारने में उसे मजा आता था. इसीलिए उसने उनकी हत्या कर दी. फिलहाल एक बार फिरसे बिहार में साइको किलर की दहशत है, लोग सदमे में हैं, हालांकि पुलिस ने बेगूसराय गोलीकांड मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
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