Bokaro News: तालिबान के कब्जे के बाद वहां फंसे भारतीयों में से एक बेरमो का बबलू भी था, जिसने हिंदुस्तान लौटने के बाद खौफ की कहानी साझा की है.
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Bokaro: अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) द्वारा तख्ता पलट किए जाने के बाद से ही यहां अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. अफगानिस्तान ( Afghanistan) में दुनिया भर के अलग-अलग देशों के लोग फंसे हुए हैं. भारत के भी सैकड़ों लोग बंग्लादेश (Bangladesh) में इस समय फंसे हुए हैं, जिसे भारत सरकार द्वारा वापस अपने देश लाने का प्रयास किया जा रहा है. लोग अफगानिस्तान से लौटकर वहां के खौफनाक यादों को साझा कर रहे हैं.
तालिबान के कब्जे के बाद वहां फंसे भारतीयों में से एक बेरमो का बबलू भी था, जिसने हिंदुस्तान लौटने के बाद खौफ की कहानी साझा की है. देश लौटने के बाद बेरमो पहुंचने पर बबलू का परिजनों ने गाजे-बाजे के साथ भव्य स्वागत किया. बबलू ने बताया कि गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच वह अफगानिस्तान में हिंदुस्तान आने से पहले तालिबानियों के चंगुल में फंसा था.
बबलू ने बताया कि किसी तरह से जान बचाकर सैकड़ों भारतीय वायुसेना के विमान से पहले दिल्ली फिर बोकारो के बेरमो लौटे हैं. बबलू ने वापस लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार जताया है. उसने आगे बताया कि अफगानिस्तान से वापस अपने देश लौटने की उम्मीद नहीं थी. गोलियों की तड़तड़ाहट में लगा कि अब बस यह आखिरी समय है क्योंकि हिंदुस्तान लौटते वक्त काबुल एयरपोर्ट पर तालिबानियों ने चंगुल में लिया था.
बबलू ने कहा कि जब तक हम तालिबान के चंगुल में रहे तब तक काफी अच्छे रहे बाद में छोड़ दिया गया और विशेष विमान से हिंदुस्तान लौटे जहां आज घर आने पर खुशी महसूस हो रही है. बबलू ने कहा कि हिंदुस्तान से प्यारा जगह कहीं नहीं है. बताते चलें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां फंसे बेरमो के गांधीनगर थाना क्षेत्र का बबलू सकुशल घर पहुंच गया है.
घर वापसी की उम्मीदों को भी धुंधला कर दिया
परिजनों एवं पड़ोसियों ने बबलू का स्वागत गाजे-बाजे के साथ किया. बबलू के बेरमो आने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली. बबलू का अफगानिस्तान से हिंदुस्तान पहुंचने का सफर बेहद भयावह रहा. काबुल एयरपोर्ट पर गोलियों की गूंज ने उनकी घर वापसी की उम्मीदों को भी धुंधला कर दिया था.
अफगानिस्तान में रह रहे लोगों में भय का माहौल
घर लौटे बबलू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार जताते हुए कहा कि एक बार लगा शायद ही घर वापसी हो पाएगी लेकिन जिस तरीके से सरकार का पहल हुआ और एक बार फिर हिंदुस्तान वापस लौट सके. उसने कहा कि वहां जिस तरीके से अफगानिस्तान में तालिबानियों का कब्जा हुआ, उसके बाद वहां रह रहे लोगों में भय का माहौल समा गया क्योंकि गोलियों की आवाज के संगीन साए में कब किसकी मौत हो जाए कोई नहीं जानता.
(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)