बासुकीनाथ में डाक कावरियों की भी भीड़ उमड़ी. डाक कावरिया बासुकीनाथ में भागलपुर के बरारी गंगा घाट से भारी संख्या में गंगा जल लेकर बासुकीनाथ फौजदारी दरवार अर्पण करने पहुंचते है.
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दुमका: सावन में भगवान शिव पर जलार्पण करने की परम्परा हैं. कामनालिंग बाबा बैद्यनाथधाम पर 105 किलोमीटर की कठिन यात्रा कर देश-विदेश के श्रद्धालु कंधे पर कांवर लेकर आते है. बाबा बैद्यनाथधाम पर जलार्पण करने के बाद कांवरिये फौजदारी बाबा बासुकिनाथ के दरबार में भी हाजिरी लगाते हैं.
दुमका के बासुकिनाथ मंदिर में कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा. पूरा बासुकिनाथ मंदिर मानो शिवमय हो गया. सुबह मंदिर का पट खुलते ही कांवरियों की लम्बी कतार लग गयी और धीरे धीरे कांवरियो की कतार बढ़ती चली गयी जो शिवगंगा तक पहुच गया. बासुकीनाथ में डाक कावरियों की भी भीड़ उमड़ी. डाक कावरिया बासुकीनाथ में भागलपुर के बरारी गंगा घाट से भारी संख्या में गंगा जल लेकर बासुकीनाथ फौजदारी दरवार अर्पण करने पहुंचते है. सावन के महीने में भगवान शिव पर जलार्पण करने की काफी पुरानी परम्परा हैं.
खासकर सावन में सोमवार के दिन भगवान शिव पर जलार्पण करना काफी शुभ और जल्द ही मनोकामना पूरी होनेवाला दिन माना जाता हैं. दूसरी सोमबारी को देखते हुए दुमका के बासुकीनाथ में प्रशासन के द्वारा शुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किया गया. जगह-जगह अधिकारियों को हर पल सजग और सचेत रहने का निर्देश दिया गया है. चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है.
इनपुट- सुबीर चटर्जी
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