Bihar News: बिहार के मोतिहारी में गिरफ्तारी के डर से एक लेडी डॉन साध्वी बन गई थी. वो बिहार झारखंड के जेलों में जाकर कैदियों को योग सिखाने काम करती थी.
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मोतिहारी: कहा जाता है कि अपराध करने के बाद अपराधी चाहे कितनी भी दूर भाग ले पर एक न एक दिन उसे अपने किए की सजा भुगतनी ही पड़ती है. ऐसा ही एक मामला मोतिहारी से सामने आया है. वर्ष 2005 में जब मोतिहारी में नक्सली संगठन का आतंक चरम पर था. तब नक्सल प्रभावित इलाके पताही के बेतौना पंचायत के मुखिया जितेंद्र सिंह की हत्या उनके घर के बाहर नक्सलियों ने कर दी थी. नक्सलियों ने काफी बेरहमी से मुखिया जितेंद्र सिंह की हत्या की और इस दौरान उनके घर पर काफी उत्पात भी मचाया था. उस वक्त मुखिया जितेन्द्र सिंह के साथ उनकी पत्नी रीता सिंह घर पर अकेले थी.
नक्सलियों का आतंक त्रस्त लोगों ने तब आजाद हिंद फौज का गठन किया था. नक्सलियों के द्वारा अपने पति के हत्या से आहत रीता सिंह भी आजाद हिंद फौज से जुड़ गई थी. नक्सलियों से लोहा लेने के उद्देश्य से बना आजाद हिंद फौज पर लेवी और हत्या सहित कई आरोप लगा. बाद में पुलिस ने आजाद हिंद फ़ौज से जुड़े एक एक लोगों को पकड़कर हवालात भेजना शुरू कर दिया. आजाद हिंद फौज पर पुलिस की सख्त कार्रवाई को देखते हुए रीता सिंह छुपकर रहने लगी. इस दौरान रीता सिंह पर करीब दस हत्या और रंगदारी मामले के केस दर्ज हुए.
इधर अपना पहचान छुपाकर रीता सिंह आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़कर लोगों को स्वस्थ रहने के लिए योग सिखाने लगी. अभी चंद दिनों पहले जब नए एसपी स्वर्ण प्रभात ने मोतिहारी की कमान संभाली तो उन्होंने जिला के फरार और कुख्यात बदमाशों की लिस्ट तैयार किया. लिस्ट बनाने के दौरान वर्षो से फरार चल रही रीता सिंह की जानकारी पकड़ीदयाल के एसडीपीओ सुबोध कुमार ने मोतिहारीं एसपी को दिया. फिर क्या था फरार अपराधियो के लिस्ट में रीता सिंह का नाम डालते हुए उनके ऊपर पचास हजार रुपए इनाम की घोषणा की गई.
ईनाम की घोषणा होते ही पकड़ीदयाल एसडीपीओ सुबोध कुमार के नेतृत्व में STF का गठन किया गया. एसटीएफ की टीम ने रीता सिंह से जुड़े मामले और संपर्क के लोगों को ट्रैक करना शुरू किया. इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि रीता सिंह आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ गई है. आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़कर रीता सिंह बिहार और झारखंड के कई जेलों में जाकर कैदियो को योग का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चला चुकी थी. अब मोतिहारीं पुलिस के लिए चुनौती थी कि रीता को इतनी बड़ी संस्था में कैसा ढूंढा जाय कि रीता सिंह को पता ना लगे और उसकी गिरफ्तारी हो जाए.
फिर मोतिहारी पुलिस ने टेक्निकल इनपुट पर काम करना शुरू किया. जब मोतिहारी पुलिस ने रीता सिंह के मोबाइल को ट्रैक करना शुरू किया तो उनका लोकेशन गया का मिला. फिर क्या था आनन फानन में पकड़ीदयाल एसडीपीओ सुबोध कुमार के नेतॄत्व में मोतिहारी पुलिस की टीम गया के लिए रवाना हुई. हालांकि इस दैरान संभवतः रीता सिंह को भी इस बात की भनक लग गई थी कि मोतिहारी पुलिस उसके पीछे पड़ गई है. रीता सिंह गया छोड़कर जाने के लिए गया के रेलवे स्टेशन पर पहुंची पर तब तक मोतिहारी पुलिस काफी करीब पहुंच चुकी थी. उजले कपड़ा में रेलवे स्टेशन पर खड़ी रीता सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस मोतिहारी लेती आई है.
इनपुट- पंकज कुमार
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