दरअसल, चारा घोटाले के 3 मामले में लालू प्रसाद ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत याचिका दायर की हुई है.
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नई दिल्लीः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ मैं लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका के लिए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए. बेंच ने सीबीआई को नोटिस जारी कर कहा कि सीबीआई दफ्तर में जवाब दें. दरअसल, चारा घोटाले के 3 मामले में लालू प्रसाद ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत याचिका दायर की हुई है.
इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है, जिसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद की उम्र 71 हो गई है.उन्हें डायबटीज, बीपी, हृदय रोग सहित कई अन्य बीमारियां हैं. फिलहाल, उनका रिम्स में इलाज चल रहा है.लालू प्रसाद प्रतिदिन करीब 13 प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं.
चुनाव के लिए जमानत है अहम
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव का सुप्रीम कोर्ट का रुख करना बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि लालू प्रसाद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं . 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है. जिसको लेकर पार्टी नेताओं के साथ उन्हें कई बैठक करनी होगी और रणनीति तय करनी होगी. उम्मीदवार भी तय करने होंगे.उम्मीदवारों को सिंबल देने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का हस्ताक्षर होना जरूरी है.
हाईकोर्ट में ये थीं दलीलें
झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि इस मामले में तत्कालीन विभागीय मंत्री विद्यासागर निषाद, तत्कालीन विभागीय सचिव बेक जूलियस, नेता आरके राणा, जगदीश शर्मा व जगन्नाथ मिश्र बरी हो गए तो लालू प्रसाद ने किसके साथ मिलकर अवैध निकासी का षड्यंत्र रचा.कोर्ट ने लालू प्रसाद को षड्यंत्र करने का दोषी पाया गया है, जबकि सीबीआइ षड्यंत्र साबित करने में विफल रही है.यदि यह मामला षड्यंत्र का रहता तो सभी को दोषी करार दिया जाना चाहिए. इससे साबित होता है कि लालू ने कोई षड्यंत्र नहीं किया. लालू पर कुछ अधिकारियों को सेवा विस्तार देने और खास पद पर पदस्थापित रखने का आरोप भी लगाया गया है, लेकिन ये आरोप प्रमाणित नहीं होते.