Agriculture of Bihar: नाबार्ड द्वारा वहां के किसानों को एकजुट करके पहले प्रशिक्षित किया गया. उसके बाद किसानों को आर्थिक सहयोग देकर पहले क्षेत्र के वाटर लेयर को मेंटेन किया गया. जिसके लिए उस क्षेत्र में तालाब का खुदाई, आहर की खुदाई, उचे-उचे खेतो में मेढ़ बना कर बरसात के पानी को संचय कर के वाटर लेयर को मेंटेन किया गया. धीरे-धीरे मिट्टी में नमी आने लगी जिससे किसानों में खेती की आस जगी.
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पटना: कभी सिंचाई के अभाव में खेती से वंचित रहने वाले किसान अब खेती कर अनाज का उपज कर खुशहाल हो रहे हैं. इन किसानों को नाबार्ड ने नई दिशा दिखाई है. मामला गया जिला के डोभी प्रखंड का है जहां 2005-7 तक एक दौर था जब सिंचाई के अभाव में किसान खेती से वंचित थे, खेती तो दूर पेयजल की भी संकट हमेशा रहता था. लेकिन अब वहां के लोग खेती करके अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करके खुशहाल हो रहे हैं.
आपको बता दें कि नाबार्ड द्वारा वहां के किसानों को एकजुट करके पहले प्रशिक्षित किया गया. उसके बाद किसानों को आर्थिक सहयोग देकर पहले क्षेत्र के वाटर लेयर को मेंटेन किया गया. जिसके लिए उस क्षेत्र में तालाब का खुदाई, आहर की खुदाई, उचे-उचे खेतो में मेढ़ बना कर बरसात के पानी को संचय कर के वाटर लेयर को मेंटेन किया गया. धीरे-धीरे मिट्टी में नमी आने लगी जिससे किसानों में खेती की आस जगी. खेती के प्रति वहां के किसान जागरूक होने लगे और वर्तमान समय मे आस-पास के दस गांव के करीब 5 सौ से अधिक किसान अब खेती कर रहे हैं.
आपको बता दें कि नाबार्ड के सहयोग से यहां के किसान अब हाईटेक हो रहे हैं. आधुनिक तकनीक से किसान अब खेती कर रहे हैं. डोभी के मसौधा गांव में किसानों के लिए वेदर स्टेशन भी इंस्टॉल किए गए हैं जिससे किसानों को मौसम सहित मिट्टी में नमी है या नहीं उसकी जानकारी समय से पहले किसानों को मिलना सहित अन्य सुविधाएं मिलने के कारण किसान और भी लाभान्वित हो रहे हैं.
इनपुट- पुरुषोत्तम कुमार
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