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कैमूर: कैमूर पुलिस ने नकली सिगरेट कंपनी का भंडाफोड़ किया है, जो विभिन्न ब्रांड के 16 प्रकार के सिगरेट बनाने का काम करते थे. भभुआ डीएसपी शिव शंकर कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने छापामारी करते हुए 3 करोड़ का निर्मित अर्ध निर्मित सिगरेट सहित 20 करोड़ का उपकरण को जब्त किया है. दो पिकअप और सिगरेट बनाने वाले कई उपकरण जब्त हुए हैं. मुख्य सरगना फिलहाल फरार है उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है, जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. यूपी और बिहार के बॉर्डर पर स्थित चांद थाना क्षेत्र के बीउरी में कई सालों से अवैध सिगरेट बनाने का कर रहा था कार्य.
पुलिस ने दी जानकारी
जानकारी देते हुए कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया चांद थाना क्षेत्र के बियूरी गांव में अवैध सिगरेट बनाने का फैक्ट्री चल रहा था. गुप्त सूचना मिलने पर एसडीपीओ भभुआ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जहां रात्रि में छापामारी किया गया, छापेमारी के क्रम में काफी संख्या में शराब बनाते हुए लोग और उपकरण पकड़े गए हैं, 2 पिकअप पकड़ाए हैं और 16 ब्रांडों के 16 लाख बना हुआ सिगरेट पकड़ाया है. सिगरेट बनाने वाले उपकरण जब्त हुए हैं, 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जो सिगरेट बनाने के काम में लगे हुए थे.
कुल 16 अलग-अलग ब्रांड के नकली सिगरेट बनाए जा रहे थे. जिसके साक्ष्य मिले हैं . जब्त सिगरेट का मार्केट वैल्यू दो से तीन करोड़ रुपए का है. इसका मुख्य सरगना उत्तर प्रदेश के बनारस का रहने वाला है उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी चल रही है, वह बहुत जल्द गिरफ्तार होंगे. गिरफ्तार सभी लोग विशेषज्ञ हैं मजदूर नहीं है यह पहले भी सिगरेट बनाने का काम करते थे. वही यहां भी बना रहे थे जिनकी गिरफ्तारी हुई है. जहां सिगरेट बन रहा था उससे करीब थोड़ी दूरी पर ही गोदाम था. यह सभी लोग रात्रि में सिगरेट बनाया करते थे और सुबह होते ही पूरी तरह से गोदाम को साफ कर देते थे जिससे किसी को पता ना चले कि यहां पर सिगरेट बनाने का काम भी चलता है. जिस कंपनी का सिगरेट यहां बनाया जा रहा था उस कंपनी के लोग को भी बुलाया गया है ताकि इसकी जांच हो सके.
जब पुलिस की टीम रात्रि में नकली सिगरेट बनाने वाले जगह पर रेड करने पहुंची तो 2 पिकअप बैन लगा था जिसमें यह लोग सिगरेट बनाने के बाद लोड कर उसे रात्रि में ही अपने उत्तर प्रदेश लेकर चले जाते . कितने दिनों से अवैध सिगरेट बनाने का कारोबार चल रहा था सरगना पकड़े जाने के बाद ही खुलासा होगा. विशेष अनुसंधान में बहुत सी बातें सामने आएंगी .
(इनपुट नरेंद्र)