गया सेंट्रल जेल में बंदी कर रहे है छठ पर्व, प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई गई वस्त्र व पूजा सामग्री
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गया सेंट्रल जेल में बंदी कर रहे है छठ पर्व, प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराई गई वस्त्र व पूजा सामग्री

गया सेंट्रल जेल में बंद बंदियों के द्वारा छठ व्रत किया जा रहा है.बंदियों को छठ पर्व में वस्त्र व पूजा सामग्री कारा प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया की 7 महिला बंदी और 2 पुरुष बंदी छठ व्रत कर कर रहे हैं.

 (फाइल फोटो)

गया: गया सेंट्रल जेल में बंद बंदियों के द्वारा छठ व्रत किया जा रहा है.बंदियों को छठ पर्व में वस्त्र व पूजा सामग्री कारा प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. कारा अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया की 7 महिला बंदी और 2 पुरुष बंदी छठ व्रत कर कर रहे हैं. उन्हे सारा पूजा सामग्रियों को उपलब्ध कराया गया है. 

9 बंदी सहित कुल 107 बंदियों को नए वस्त्र दिया गया है. 47 वर्षीय बंदी धनंजय शर्मा पिछले 8 साल से आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.  वह पहली बार कैद से मुक्ति की कामना को लेकर छठ का व्रत कर रहा है.

बता दें कि लोक आस्था का महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन शनिवार को 'खरना' के साथ ही पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. भगवान भास्कर की भक्ति में सराबोर श्रद्धालुओं ने सूर्यास्त के बाद विशेष प्रसाद बनाकर 'खरना' किया. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे तक का निर्जला उपवास शुरू हो गया. पटना के गंगा तटों पर व्रती बड़ी संख्या में जुटे हैं.

व्रती स्नान कर मिट्टी के बने चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर गुड़ में बनी खीर और रोटी बनाकर भगवान भास्कर की पूजा कर भोग लगाया. खरना के बाद आसपास के लोग भी व्रतियों के घर पहुंचे और मांगकर प्रसाद ग्रहण किया. कई व्रतधाारी गंगा के तट पर या जलाशयों के किनारे खरना करते हैं, जबकि कई अपने घरों में ही विधि-विधान से भगवान भास्कर को भोग लगाकर खरना करते हैं. 

खरना के साथ ही पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. पटना सहित बिहार के शहरों से लेकर गांवों तक में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं. छठ को लेकर सभी ओर रोशनी की पुख्ता व्यवस्था की गई है. रविवार को छठव्रत करने वाले व्रतधारी जलाश्यों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे.

(इनपुट एजेंसी के साथ)

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