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Cough vs TB Signs: खांसी की स्थिति में त्वरित चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है। टीबी के संकेतों में शामिल हो सकती हैं बार-बार होने वाली खांसी, वजन कमी, थकान, बुढ़ापे के बावजूद बढ़ती हुई बुढ़ापा, और रात में बहुत तेज घड़ी. टीबी का उपचार अधिकतम तरीके से एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करके किया जाता है, और इसमें एक या एक से अधिक दवाएं शामिल हो सकती हैं. स्वस्थ आहार, पूर्ण आराम, और योग्य देखभाल भी महत्वपूर्ण हैं.
यह रोग आमतौर से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन इसका प्रभाव अन्य अंगों और अंग-समूहों में भी हो सकता है. टीबी के संकेतों को पहचानने, उपचार करने, और बचाव करने के लिए समझदारी और त्वरित कदम उठाना महत्वपूर्ण है.
टीबी के संकेत:
खांसी: टीबी का प्रमुख संकेत हो सकता है लगातार आने वाली खांसी. खांसी में खून या कफ का आना भी संभावना है.
वजन कमी: टीबी के रोगी में अनुचित वजन कमी और दुर्बलता की स्थिति हो सकती है.
थकान: सामान्य गतिशीलता में भी तेज थकान एक संकेत हो सकता है.
बुढ़ापे के बावजूद बढ़ती हुई बुढ़ापा: टीबी के मरीजों में वृद्धि की दृष्टि से बढ़ती हुई बुढ़ापा भी एक संकेत हो सकता है.
रात में बहुत तेज घड़ी: रात को होने वाली बेहद तेज घड़ी भी एक अन्य संकेत हो सकता है.
उपचार:
एंटीबायोटिक्स: टीबी का मुख्य उपचार अन्टीबायोटिक्स का उपयोग है, जो माइकोबैक्टीरिया को मारते हैं. इस उपचार को नियमित और पूरा करना महत्वपूर्ण है.
अन्य दवाएं: कई बार, कुछ अन्य दवाएं भी संक्रामक रोग को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं.
स्वस्थ आहार: पोषण से भरपूर आहार लेना महत्वपूर्ण है, जिससे रोगी की शक्ति और प्रतिरक्षा बढ़े.
पूर्ण आराम: उपचार के दौरान, रोगी को पूर्ण आराम देना आवश्यक है ताकि उनकी शक्ति बढ़ सके.
बचाव:
हाथ-मुंह सफाई: हाथों को बार-बार साबुन से धोना और मुंह को ढकना संक्रामक रोगों से बचाव में मदद कर सकता है.
मास्क पहनना: संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने के लिए आपको बाहर जाते समय मास्क पहनना चाहिए.