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Jamshedpur: झारखंड के जमशेदपुर में परीक्षा में नकल करने का संदेह होने पर कपड़े उतारने के लिए मजबूर किए जाने के बाद एक छात्रा ने आत्मदाह का प्रयास किया था. इस मामले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान ले लिया है. उन्होंने पीड़िता के लिए उचित इलाज का प्रबंध करने के लिए कहा है. इसके अलावा आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंचे. उन्होंने ने भी परिजनों को बेहतर इलाज का वादा दिलाया.
जानें क्या है मामला
जमशेदपुर के पुलिस अधीक्षक के विजय शंकर ने बताया कि घटना के तुरंत बाद शुक्रवार रात महिला शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया और भारतीय दंड संहिता तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने बताया कि आत्मदाह की कोशिश के बाद नौवीं कक्षा की किशोरी को टाटा मुख्य अस्पताल ले जाया गया. पीड़िता की हालत गंभीर बताई जा रही है.
बर्खास्त करने की उठाई मांग
इस बीच, केंद्रीय मुखी समाज के कार्यकर्ताओं ने शिक्षिका को तत्काल बर्खास्त करने की मांग को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के सामने शनिवार को धरना दिया. केंद्रीय मुखी समाज के उपाध्यक्ष शंभू मुखी ने भी छात्रा के मुफ्त और उचित इलाज की मांग की है. पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, लड़की ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि निरीक्षक ने उसे अपमानित किया और यह जांचने के लिए उसके कपड़े उतार दिए कि क्या वह अपनी वर्दी में नकल की पर्ची छिपा रही है. पीड़िता की मां के मुताबिक अपमान सहन नहीं कर पाने के कारण स्कूल से लौटने के तुरंत बाद छात्रा ने खुद को आग लगा ली.
(इनपुट: भाषा के साथ)