ESL ने वेदांता की प्रमुख CSR परियोजना नंदघर के लिए किए कोविड उन्मुख प्रयास
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ESL ने वेदांता की प्रमुख CSR परियोजना नंदघर के लिए किए कोविड उन्मुख प्रयास

नंदघर उन स्थानीय लोगों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं और ग्रामीण लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पोषण से वंचित हैं. 

ESL ने वेदांता की प्रमुख CSR परियोजना नंदघर के लिए किए कोविड उन्मुख प्रयास

Bokaro: समुदाय के स्वास्थ्य एवं कल्याण को सुनिश्चित करने के प्रयासों को जारी रखते हुए वेदांता ग्रुप की कंपनी और मुख्य राष्ट्रीय स्टील प्लेयर ईएसएल स्टील लिमिटेड ने अपने नंदघरों में कई कोविड-उन्मुख प्रयासों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. इनमें लॉकडाउन के दौरान ऑनलाईन कक्षाएं, कोविड-19 टीकाकरण, 200 से अधिक महिलाओं और बच्चों के लिए टीकाकरण, सैकड़ों बच्चों के लिए कम से कम 125 हैंडवॉश सत्र, 4500 लोगों के लिए कोविड के बारे में जागरूकता, 152 बच्चों का स्वास्थ्य मूलयांकन तथा नंदघरों में वाटर प्यूरीफायर का वितरण शामिल है.

नंदघर मॉडल आंगनवाड़ियों का एक नेटवर्क हैं, जहां बच्चों, महिलाओं एवं स्थानीय समुदायों के समग्र विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है. यह परियोजना बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं महिलाओं के लिए कौशल विकास को सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के दृष्टिकोण के अनुरूप है.

नंदघर उन स्थानीय लोगों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं और ग्रामीण लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पोषण से वंचित हैं. नंदघर आधुनिक सुविधाएं हैं, जो गर्भवती महिलाओं एवं युवा माताओं को पोषक आहार उपलब्ध कराकर उनके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाते हैं, उन्हें नए कौशल सीखाकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करते हैं.

इन सुविधाओं में सोलर पैनल लगाए गए हैं, जो 24*7 बिजली की उपलब्धता को सुनिश्चित करते हैं, इसके अलावा वॉटर प्यूरीफायर स्वच्छ शौचालयों एवं पेय जल, ई-लर्निंग के लिए स्मार्ट टीवी आदि सुविधाओं के साथ ये स्थानीय समुदायों के लिए मॉडल रिसोर्स सेंटर बन गए हैं. इन केंद्रों में न्यूट्री-गार्डन्स भी हैं, जहां ऑर्गेनिक सब्जियां उगाई जाती हैं और इन्हें महिलाओं एवं बच्चों तक पहुंचाया जाता है.

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एन.एल. व्हाट्टे, ईएसएल स्टील लिमिटेड ने कहा, 'भारत में 13.7 लाख आंगनवाड़ियों में 8.5 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्य के साथ हमारी नंदघर यात्रा साल 2015 में शुरू हुई. आज मुझे यह देखकर बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है कि हमारा यह दृष्टिकोण साकार हो रहा है और ग्रामीण लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है, जिनके पास पहले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं पोषक आहार उपलब्ध नहीं था. कोविड के दौरान हमने इन परिवारों और बच्चों तक पहुंचे, उन्हें जागरुक बनाया, हर व्यक्ति तक निःशुल्क टीकाकरण पहुंचाया. हमने मुफ्त राशन और ऑनलाईन कक्षाओं की सुविधा मुहैया कराई. मुझे गर्व है कि समुदाय की महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए हमें इस नेक काज के साथ जुड़ने का अवसर मिला है. आने वाले समय में भी हम अपने इन प्रयासों को जारी रखेंगे.'

इसी साल ईएसएल ने बोकारो में 50 नंदघरों का उद्घाटन किया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) द्वारा इनका वर्चुअल लॉन्च किया गया था. भारत के 10 राज्यों में पहले से तकरीबन 2100 नंदघर मौजूद हैं, जबकि देश भर में ऐसी 4000 संरचनाओं की योजना बनाई गई है. ये आधुनिक केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव लकार आत्मनिर्भर समुदायों के निर्माण में योगदान दे रहे हैं. यह परियोजना 3-6 साल के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा मुहैया कराती है. इसके अलावा बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषक आहार एवं राशन उपलब्ध कराया जाता है. मोबाइल हेल्थ वैन्स के जरिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, साथ ही महिलाओं को भी कौशल, क्रेडिट लिंकेज एवं एंटरप्राइज विकास के माध्यम से सशक्त बनाया जाता है.

(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)

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