कई पीढ़ियों के गवाह 'पंचमुखी' का हुआ अंत, 100 वर्षों से लोगों को अपने आंचल में था समेटे
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar912523

कई पीढ़ियों के गवाह 'पंचमुखी' का हुआ अंत, 100 वर्षों से लोगों को अपने आंचल में था समेटे

हजारीबाग जिले के इचाक प्रखण्ड के कुटुमसुकरी चौक के पास एक विशालकाय पंचमुखी वृक्ष हवा से गिर गया.

गिरा सौ साल पुराना पंचमुखी वृक्ष (प्रतीकात्मक फोटो)

Hazaribagh: हजारीबाग जिले के इचाक प्रखण्ड के कुटुमसुकरी चौक के पास एक विशालकाय पंचमुखी वृक्ष हवा से गिर गया. लोगों के अनुसार ये पेड़ सौ साल से भी अधिक पुराना था. इस वजह से ये आम का पेड़ विशाल पंचमुखी वृक्ष का रूप ले चुका था. इस पेड़ के गिर जाने के बाद अब वो लोग मायूस हैं. 

हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड के बुढ़िया माता मंदिर रोड में कुटुमसुकरी चौक के पास पंचमुखी वृक्ष हवा के बहाव को झेल नहीं पाया और गिर गया. वो पहले आम के पेड़ था, जिसने बीतते समय के साथ पीपल, पाकड़, बरगद और जामुन को भी अपने साथ पनाह दी. इससे उसका नाम पंचमुखी पड़ गया था. ये पेड़ इलाके का सबसे अधिक छायादार पेड़ बन गया था. 

ग्रामीण बताते हैं कि इस ऐतिहासिक पेड़ के नीचे कई पीढ़ियां पली-बढ़ी हैं. अपने 100 साल के सफर में चार और साथियों को लेकर 'पंचमुखी' ने इस इलाके के हर उस शख्स को छांव दिये जो उसके नीचे पहुंचा है. 

इस पंचमुखी पेड़ ने 'यास' तूफान का सामना किया था. लेकिन इसके बाद भी वो हवा के हल्के झोंके को झेल नहीं पाया और गिर गया. इस विशाल वृक्ष के नीचे एक पिकअप गाड़ी खड़ी थी, जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है.

Trending news