झारखंड में मदिरालय खुले तो देवालय बंद क्यों? जमशेदपुर के पुजारी आंदोलन के मूड में, समर्थन में रघुवर दास
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झारखंड में मदिरालय खुले तो देवालय बंद क्यों? जमशेदपुर के पुजारी आंदोलन के मूड में, समर्थन में रघुवर दास

जमशेदपुर में मंदिरों को खोलने की मांग को लेकर एकजुट हुए पुजारियों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया.

जमशेदपुर के पुजारियों ने किया प्रदर्शन.

Jamshedpur: कोरोना संकट और महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर झारखंड सरकार ने राज्य में मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है. राज्य के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के लिए भी यही नियम लागू है. जिसकी वजह से मंदिर से जुड़े व्यवसाय करने वाले और पुजारियों की स्थिति खराब हो गयी है. ऐसे में जमशेदपुर के मंदिरों के पुजारियों ने आंदोलन का मन बना लिया है. 

पुजारियों ने किया प्रदर्शन
जमशेदपुर में मंदिरों के पुजारी सड़कों पर उतर आए हैं. लौहनगरी के अलग-अलग क्षेत्रों के मंदिरों के पुरोहित और पुजारियों ने एकजुट होकर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. पूर्वी सिंहभूम सहित समूचे झारखंड में बंद पड़े मंदिरों को खुलवाने के लिए ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. पुजारी जल्द से जल्द मंदिरों को खोलने की मांग कर रहे हैं. जिससे नियमित पूजा के अलावा अन्य धार्मिक कार्यक्रम सुचारु रुप से चल सके. 

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'आत्मदाह के सिवाय कोई विकल्प नहीं'
पुजारियों के मुताबिक सभी पड़ोसी राज्यों में कोरोना नियमों के तहत मंदिर एवं धार्मिक संस्थान खुले हुए हैं. ऐसे में झारखंड में मदिरालय को खुले रखने और देवालयों-विद्यालयों को बंद रखे जाने का फैसला सही नहीं है. ब्राह्मण महासभा के संस्थापक अप्पू तिवारी के मुताबिक मंदिर और धार्मिक संस्थान बंद होने से पुजारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जो भी बचत थी, वह कोरोना काल में खत्म हो गयी है. अब हमारे पास भूखे मरने या आत्मदाह के सिवाय कोई विकल्प नहीं है.

'सनातन संस्कृति पर कुठाराघात'
पुरोहित महासभा के उपाध्यक्ष दिलीप पांडे ने पुजारियों ने झारखंड सरकार पर सनातन संस्कृति पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया. पुजारियों ने झारखंड सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की अगर जल्द से जल्द मंदिरों के पट खोलने के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया, तो वो जनप्रतिनिधियों के कार्यालय एवं आवास के सामने सामूहिक आत्मदाह करने को मजबूर होंगे. 

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दुकानदारों को लाखों का नुकसान
नाराज पुजारियों ने जहां सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का मन बना लिया है, तो वहीं मंदिर और शिवालय बंद होने से शहर के फल, नारियल और पूजन सामग्री बेचने वाले  दुकानदारों को लाखों का नुकसान हो रहा है. सिर्फ सावन महीने में 10 से 15 लाख के नुकसान का अनुमान है.

रघुवर दास ने किया समर्थन
वहीं पुजारियों और दुकानदारों की दिक्कत को देखते हुए BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री रघुवर दास भी सामने आए हैं.उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए राज्य के सभी मंदिरों को खोलने का आदेश देने की सरकार से मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. 

लौहनगरी में लगभग 15 सौ से 2 हजार छोटे-बड़े मंदिर और शिवालय हैं, जिनमें 2 हजार से ज्यादा पुजारी हैं, जिनके सामने अब भूखमरी की समस्या है. सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य धार्मिक स्थलों और मंदिरों में भी यही हालात हैं. ऐसे में सरकार के सामने इस समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने की चुनौती है.

(इनपुट: आशीष तिवारी)

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