जमशेदपुर में कूड़े के प्लास्टिक के निष्पादन के लिए खास पहल करते हुए उसका दूसरे कामों में इस्तेमाल करने का विकल्प आजमाया जा रहा है.
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Jamshedpur: पर्यावरण के लिए प्लास्टिक कितना नुकसानदायक है, ये अब बच्चे-बच्चे को पता है. प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना तो फिर भी आसान है, लेकिन इसका निष्पादन करना टेढ़ी खीर है.लेकिन इस मुश्किल समस्या को दूर करने के लिए जमशेदपुर में खास पहल की गयी है.
आज के समय में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर कई राज्यों में पांबदी है. इसके बावजूद इसके इस्तेमाल पर रोक नहीं लग पा रही है. अब लौहनगरी जमशेदपुर को ही ले लीजिए. जहां शहरी क्षेत्र से रोजाना 300 टन कूड़ा निकलता है, जिसमें बड़ी संख्या में प्लास्टिक और प्लास्टिक के बने उपकरण भी मौजूद होते हैं.जिसका निपटारा करना शहर के लिए एक बड़ी समस्या बन गयी थी, लेकिन फिर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने इसका उपाय खोजा और अब वेस्ट प्लास्टिक को गला कर उसे दूसरे कामों में इस्तेमाल करने का विकल्प आजमाया जा रहा है.
इस अभियान की शुरुआत जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति और निजी कंपनी के सहयोग से की गई है. अब प्लास्टिक, प्लास्टिक की बोतलों वगैरह को गला कर उसमें बालू समेत अन्य सामग्री मिलाकर इससे पेवर ब्लॉक, ईंट, टाइल्स, गमला वगैरह बनाया जाएगा.
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जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार के मुताबिक वेस्ट प्लास्टिक से बने पेवर ब्लॉक फुटपाथ, पार्क और बस्ती की गलियों में लगाए जाएंगे. साथ ही छोटे-छोटे शौचालय और नालियों में भी प्लास्टिक के बने ईंटों का इस्तेमाल होगा. यहां तक की शहर की चौड़ी-चौड़ी सड़कों में भी अब वेस्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाएगा.
जमशेदपुर के सिटी मैनेजर रवि भारती के मुताबिक अक्षेस की टीम ने इसकी जांच भी की है, और जांच में इन उत्पादों को सफल और बेहतरीन पाया गया. वेस्ट प्लास्टिक से बने पेवर ब्लॉक और ईंटों की मजबूती सामान्य ईंटों से दुगनी होगी. साथ ही इसकी कीमत भी सामान्य ईंटों से 60 फीसदी कम होगी.
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जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की इस शानदार पहल से ना सिर्फ प्लास्टिक निष्पादन की समस्या खत्म होगी, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
इनपुट: आशीष तिवारी