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पलामू:Jharkhand News: पलामू ज़िले में भीषण गर्मी की वजह से सभी जल स्रोत सुख चुके हैं इंसान तो इंसान पशु -पक्षी भी पानी के लिए इधर उधर भटक रहे हैं. जंगली जानवर पानी की तलाश में बेतला नेशनल पार्क से भटकते भटकते गांव की ओर आ रहे हैं या तो किस्मत से अपनी प्यास बुझा ले रहे हैं या फिर किसी शिकारियों का शिकार हो जा रहे हैं. जिले में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी है. जबकि सरकार क़ी तरफ से वन क्षेत्र क़े जानवरों के रख रखाव व सुरक्षा हेतु करोड़ो रुपये दिए जाते हैं. इसके बावजूद वन विभाग की तरफ से गर्मी से पहले वन्य प्राणियों के लिए जल स्रोतों की मुकम्मल व्यवस्था नहीं की जाती है. जिसकी वजह से जंगलों से जानवर भटक कर पानी की तलाश में जंगल से गांव की तरफ आते हैं और कई बार शिकार भी हो जाते हैं.
भीषण गर्मी से पूरा पलामू प्रमंडल त्राहिमाम कर रहा है इसके साथ-साथ पीने का पानी के लिए इंसान तो दर-दर भटक रहे ही हैं पर कुछ ऐसा ही नजारा पीटीआर के जंगल में रहने वाले जानवरों का भी है. दरअसल पीटीआर क्षेत्र में पानी पीने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाने को लिए आसपास के गांव के इलाकों में किसी तरीके से पहुंच कर अपनी प्यास बुझाते हैं. बेतला के जंगलों में जानवरों और पक्षियों को पानी की काफी किल्लत है. वहीं इस संदर्भ में वन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश जेना ने बताया कि लगभग पूरे पिटीआर क्षेत्र में 200 वाटर ट्रप्स बनवाया गया है लेकिन प्राकृतिक रूप से जितने भी जल स्रोत हैं लगभग सूख चुके हैं. इससे भी काफी परेशानी होती है लेकिन वाटर ट्रप्स बनाए गए हैं. सभी को समय-समय पर रिचार्ज किया जाता है.
साथ ही साथ सोलर पम्प चलित वाटर ट्रप्स को डोभा में डाला जाता है ताकि वन प्राणियों को इससे राहत मिल सके. वहीं किसी वन्य प्राणियों को पानी के लिए बाहर जाने के दौरान यदि किसी तरह का उन्हें क्षति पहुंचती है तो जानकारी मिलते ही कानूनी कार्रवाई की जाती है. आने वाले समय में और बेहतर बनाने की पहल भी की जा रही है.पूरे पलामू प्रमंडल में भीषण गर्मी से और पानी की किल्लत से जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है. सब पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं और सरकर क़े तरफ से वन प्राणियों क़े रख रखाव हेतु मिलने वाले लगभग करोड़ो रुपये कही न कही बंदरबट हो जाते हैं.
इनपुट- अमित