तेजस्वी ने खाली किया बंगला, जेडीयू बोली - पहले ही खाली कर देते तो फजीहत नहीं होती
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तेजस्वी ने खाली किया बंगला, जेडीयू बोली - पहले ही खाली कर देते तो फजीहत नहीं होती

तेजस्वी यादव ने आखिरकार 5 देशरत्न मार्ग का सरकारी आवास खाली कर दिया है. 

तेजस्वी यादव ने 5 देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी बंगाल खाली कर दियाहै.

पटनाः विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आखिरकार 5 देशरत्न मार्ग का सरकारी आवास खाली कर दिया है. उनका ज्यादातर सामान मंगलवार की देर रात शिफ्ट कर दिया गया. सामान 10 सर्कुलर रोड के बंगले में ले जाया गया है, जो तेजस्वी यादव की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नाम पर अलाट है. 5 देशरत्न मार्ग के बाहर लगे तेजस्वी यादव के नेम प्लेट को भी हटा लिया गया है. वहीं, बंगले को लेकर फजीहत पर सत्तापक्ष का कहना है कि अगर पहले ही बंगला खाली कर देते तो इतनी फजीहत नहीं होती.

पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव के बंगले को लेकर रार 2018 में शुरू हुई थी, जब सरकार ने उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस थमा दिया था और कहा था कि वो एक पोलो रोड के आवास में चले जाएं. 5 देशरत्न मार्ग को डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के नाम पर एलाट कर दिया. साथ ही सरकार ने ये तय कर दिया कि पांच देशरत्न मार्ग भविष्य में प्रदेश का जो डिप्टी सीएम रहेगा, उसे अलाट किया जायेगा. सरकार का ये फैसला तेजस्वी यादव को रास नहीं आया और उन्होंने सरकार पर बंगले की राजनीति करने का आरोप लगा दिया और फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. 

पटना हाईकोर्ट में विपक्ष के नेता के बंगले के मुद्दे पर सुनवाई की और फैसला सरकार के पक्ष में सुनाया, तो विपक्ष के नेता पटना हाईकोर्ट की डबल बेंच में चले गये, लेकिन डबल बेंच ने भी फैसला सरकार के पक्ष में सुनाया. इसके बाद सरकार बंगला खाली कराने को लेकर विपक्ष के नेता पर दबाव बनाने लगी. तेजस्वी यादव के सरकारी आवास के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया गया, तो राजद के विधायक धरने पर बैठ गये, जिसको लेकर काफी हो हल्ला हुआ. इस बीच तेजस्वी यादव ने बंगले के मुद्दे पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी. 

सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के नेता की याचिका को स्वीकार किया गया, लेकिन पहली ही सुनवाई में फैसला बिहार सरकार के पक्ष में सुनाया. साथ ही विपक्ष के नेता को बंगला खाली करने का आदेश जारी किया और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. इसके बाद राजद की ओर से कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात कही जाने लगी. इस बीच मंगलवार की रात बंगला खाली कर दिया गया, जिसे बुधवार को भवन निर्माण विभाग को हैंडओवर किया जाना था. इसको लेकर राजद विधायक भोला यादव ने कहा कि कोर्ट के फैसले को लेकर तेजस्वी यादव ने बंगला खाली किया है. नये बंगले को लेकर सरकार की ओर से कोई पत्र आयेगा, तो फैसला लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण विभाग को इसकी जानकारी दे दी गयी है. विभाग के अधिकारी जब आयेंगे, तो उन्हें बंगले को सौप दिया जायेगा. 

भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि सरकार ने जब कहा था, अगर विपक्ष के नेता तभी बंगला खाली कर देते, तो इतनी फजीहत नहीं होती, लेकिन वो लगातार निर्देश की अनदेखी करते रहे और कोर्ट में सरकार के फैसले को चुनौती देते रहे. अब देखिये किस तरह से उन्हें बंगला खाली करना पड़ा है. भाजपा के नेता और बिहार सरकार में मत्री विनोद कुमार सिंह ने भी तेजस्वी यादव के बंगला प्रेम पर सवाल उठाया और कहा कि हम लोग 15 साल से विधायक हैं, लेकिन आज तक कभी नोटिस की नौबत नहीं आयी, लेकिन विपक्ष के नेता की क्या गति हुई है, उनके ऊपर सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना तक लगा दिया है. 

इधर, एक पोलो रोड के बंगले में रंग रोगन का काम कर चल रहा है, जो विपक्ष के नेता को अलाट किया गया है. माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव के खाली किये गये बंगले में जल्दी ही डिप्टी सीएम सुशील मोदी शिफ्ट होंगे, जबकि तेजस्वी यादव को लेकर ये बात सामने आ रही है कि वो भी नये बंगले में शिफ्ट हो सकते हैं.