इस मुलाकात को JDU नेता अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) की ओर से औपचारिक मुलाकात करार दिया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे की क्या खिंचड़ी पक रही है, यह सवाल बार-बार मन में कौंध सकता है.
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Patna: बिहार की सियासत में बड़े उलटफेर के संकेत मिलने लगे हैं. हर दिन मुलाकातों का दौर चल रहा है. कभी कोई विधायक तो कभी किसी पार्टी के बड़े नेता दूसरी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. ऐसे में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने भी अहले सुबह JDU के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) से मुलाकात की है. अशोक चौधरी के आवास पर उनकी कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) से मुलाकात हुई है.
हालांकि, इस मुलाकात को JDU नेता अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) की ओर से औपचारिक मुलाकात करार दिया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे की क्या खिंचड़ी पक रही है, यह सवाल बार-बार मन में कौंध सकता है.
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दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election 2020) में एलजेपी की वजह से जेडीयू को काफी नुकसान सहना पड़ा है. LJP को बार-बार BJP की B टीम कहा गया जिसकी वजह से वोटों का ध्रुवीकरण हुआ और पार्टी जेडीयू तीसरे नंबर पर खिसक गई. पार्टी 50 के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई है और फिलहाल पार्टी की स्थिति काफी कमजोर है. ऐसे में हर दिन दूसरे दलों के नेताओं से मुलाकात कर कुनबा बढ़ाने का दौर जारी है.
इस बीच CPI नेता कन्हैया कुमार से अशोक चौधरी की मुलाकात हुई जिसे एक नए राजनीतिक समीकरण के लिहाज से अहम माना जा रहा है. इस विधानसभा चुनाव में वामदलों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है. कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) पहले भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की कई मौकों पर तारीफ करते नजर आए हैं तो वहीं बीजेपी के पुरजोर विरोधी रहे हैं.
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ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या जेडीयू के बड़े नेता की कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) से हुई मुलाकात बीजेपी पर सियासी पलटवार तो नहीं? सवाल यह भी है कि क्या JDU ने नए राजनीतिक संकेत देने शुरू कर दिए हैं. जेडीयू लगातार अपना कुनबा मजबूत करने के लिए वैसे नेताओं से मिल रही है जो बीजेपी के धुर-विरोधी माने जाते हैं. कन्हैया से मुलाकात भी इसलिए काफी अहम है.
हाल के दिनों में बिहार में एक अलग ही आबोहवा चल पड़ी है. जो नेता-कार्यकर्ता किसी भी दल के बड़े नेता से मिलने जाता है और मुलाकात को औपचारिक बताता है, वह कुछ दिनों के बाद उस दल में एंट्री ले लेता है. ऐसा कई मौकों पर देखने को मिला है. फिर चाहे वह निर्दलीय विधायक सुमित सिंह की बात हो या फिर बीएसपी के विधायक जमा खान (Jama Khan)की जेडीयू नेताओं से मुलाकात हो. कुछ ही दिनों बाद दोनों ने टीम बदली और अब नीतीश कैबिनेट का हिस्सा हैं.
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हालांकि, कन्हैया कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Vidhansabha election 2020) में भाग नहीं लिया. उन्होंने अपनी पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार तो किया लेकिन चुनावी मैदान में नहीं उतरे. कहीं न कहीं एक वजह से RJD का दबाव भी माना जा रहा था. कन्हैया फिलहाल सीपीआई के नेशनल एक्सक्यूटिव कॉउंसिल के मेम्बर हैं.
हाल में सीपीआई के हैदराबाद में हुए तीन दिवसीय बैठक में कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था. कन्हैया पर एक सीपीआई नेता के साथ मारपीट का आरोप भी लगा था. कन्हैया (Kanhaiya Kumar)बेगूसराय से गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें 4 लाख से भी अधिक वोटों से हार नसीब हुई थी.
बहरहाल, इस बात को झूठलाया नहीं जा सकता कि अगर भविष्य में कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) जेडीयू टीम में शामिल होने जाएंगे तो बीजेपी के लिए खासकर NDA गठबंधन के लिए यह फैसला टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.