गोपालगंज मामले पर तेजस्वी पर JDU मंत्री का प्रहार, कहा- लालूवाद में हुए 46 नरसंहार, फिर...
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गोपालगंज मामले पर तेजस्वी पर JDU मंत्री का प्रहार, कहा- लालूवाद में हुए 46 नरसंहार, फिर...

तेजस्वी समाजवाद के विचारधारा की बात करते हैं, लेकिन न तो जेपी विचारधारा को मानते हैं न हीं लोहिया विचारधारा को. तेजस्वी लालूवाद के विचारधारा को मानते हैं.

गोपालगंज मामले पर तेजस्वी पर JDU मंत्री का प्रहार, कहा- लालूवाद में हुए 46 नरसंहार, फिर. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने विधयकों के साथ गोपालगंज मार्च करने की तैयारी कर चुके हैं. तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है. गोपालगंज हत्याकांड में जेडीयू विधायक पप्पू पांडे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर तेजस्वी आज आरजेडी नेताओं के साथ गोपालगंज जाएंगे.

इधर तेजस्वी यादव के गोपालगंज मार्च से पहले बिहार सरकार के सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी पर हमला बोला है. नीरज कुमार ने गोपालगंज के मसले पर फेसबुक लाइव किया है. साथ ही तेजस्वी यादव के सभी सवालों का जवाब देने के साथ कई सवाल भी नेता प्रतिपक्ष से पूछे हैं.

नीरज कुमार ने अपने फेसबुक लाइव में कहा कि कोरोना के इस संकटकाल में जहां सभी लोग संक्रमण से बचने की कोशिश में लगे हैं वही तेजस्वी यादव एक अलग तरह की सियासत में जुटे हैं. बीते 48 घंटों में इस तरह की सियासत ने मुझे बोलने पर मजबूर कर दिया है. तेजस्वी जिस अपराध की घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं उसकी सच्चाई बताना जरूरी हो गया है.

तेजस्वी समाजवाद के विचारधारा की बात करते हैं, लेकिन न तो जेपी विचारधारा को मानते हैं न हीं लोहिया विचारधारा को. तेजस्वी लालूवाद के विचारधारा को मानते हैं. अब यह सभी जानते हैं कि लालूवाद विचारधारा के कारण समाज में जो प्रेम भावना बना हुआ है उसे बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. इसलिए लोगों को सच बताना बेहद जरूरी है.

मंत्री नीरज ने लालूवाद में भरोसा रखने वालों को चुनौती भी दी है कि जिन्हें उनके दावों पर आपत्ति है, वह कानून का सहारा ले सकते हैं.

मंत्री ने आरजेडी की ओर से राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन को लेकर भी अपना पक्ष रखा नीरज कुमार ने कहा कि गोपालगंज की घटना दुखद है. लेकिन पुलिस मुस्तैदी से अपना काम कर रही है. एक वक्त आरजेडी के शासनकाल का भी था जहां एक नेता पर 32 मुकदमा हुआ करता था लेकिन पुलिस उसके घर तक नहीं जा पाती थी. गोपालगंज की घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है.

नीरज कुमार ने तेजस्वी को कहा कि आप गोपालगंज जा सकते हैं आपको जाने का हक है. सरकार ने सड़कें अच्छी बनाई हैं बिजली की व्यवस्था है, रात में भी जाने में कोई परेशानी नहीं. आपको अपने समय का शासन शायद याद नहीं लोग फुलवरिया से पटना की तरफ चलते थे तो थावे मंदिर मैं सर झुकाते थे बगलामुखी का जाप करते थे कि कहीं कोई घटना ना हो जाए.

गोपालगंज की घटना के संदर्भ में पीड़ित पक्ष ने जो एफआईआर दर्ज कराया था उसमें उसने साफ लिखा है कि 4 दिन पहले उसे इस तरह की धमकी दी गई थी, लेकिन धमकी मिलने के बाद उस शख्स ने न तो पुलिस से संपर्क किया नहीं प्रशासन से. पीड़ित पक्ष की तरफ से सीधा कोई आरोप नहीं लगाया गया. यही वजह है कि 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया.  जिसमें पुलिस को अनुसंधान का अधिकार है. पुलिस ने एफआईआर के आधार पर 2 लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया.

तेजस्वी यादव हॉस्पिटल में जिससे मिले थे उस पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज है. पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही है इसलिए तेजस्वी यादव बिना एफआईआर की कॉपी पढ़े, राजनीतिक मंसूबों को ना फैलाएं. अगर आपको पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाना है तो आप न्यायपालिका का सहारा ले सकते हैं. लेकिन आप तो राजनैतिक आपदा के शिकार हैं.

राज्यपाल को तेजस्वी यादव की तरफ से दिया गए ज्ञापन पर भी नीरज कुमार ने सवाल उठाए. नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी ने कहा है कि घायल शख्स को इलाज के लिए बेड तक नहीं मिला इलाज की व्यवस्था भी ठीक से नहीं हुई. जबकि हकीकत यह है कि घायल शख्स को बेड भी मिला डॉक्टर ने उसका इलाज भी किया. 

नीरज कुमार ने फेसबुक लाइव में घायल शख्स के इलाजरत बेड पर बैठे तस्वीर को भी लोगों के सामने सार्वजनिक किया और यह भी पूछा कि क्या तेजस्वी यादव ने घायल शख्स का इलाज करवाया या फिर सरकारी तंत्र के तहत ही उस घायल शख्स का इलाज चल रहा है.

संवैधानिक पद पर रहते हुए नेता प्रतिपक्ष गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. बिहार में कानून का राज है. अरवल का मामला हो या फिर फुलवारीशरीफ का इन पर आप ने सवाल उठाए हैं उस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है. बिहार सरकार 17 मानकों के आधार पर काम कर रही है.

जिस लालूवाद को तेजस्वी अपनी विचारधारा मानते हैं उसमें 46 नरसंहार हुए थे गरीबों और पिछड़ों की हत्या हुई थी. उस समय भी एससी-एसटी एक्ट था, लेकिन वह बेजान था कोई कार्रवाई नहीं होती थी. 1990 से 2005 तक 5245 फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं हुई थी 67249 हत्याएं हुई. 

अखबारों में खबर छपते थे अपहरण की डीलिंग कहां और कैसे होती थी किसी से कुछ छुपा नहीं है. महिला अपराध से जुड़े मामलों में कितनी कार्रवाई हुई यह तेजस्वी यादव को अपने पिता लालू प्रसाद से रांची में जाकर पूछना चाहिए.

लालू प्रसाद के शासनकाल में जीएसटी लगता था गुंडा सर्विस टैक्स. आरजेडी शासन काल और नीतीश शासनकाल की तुलना करें, राज्यों में काफी अंतर नजर आता है. किशनगंज में डकैती में 5 फ़ीसदी की कमी हुई है फिरौती के लिए अपहरण में कमी 14.29 फीसदी की कमी हुई. सड़क डकैती में 73.21 फ़ीसदी की कमी हुई. 

अररिया में डकैती के मामलों में 53.29 फ़ीसदी की कमी हुई है. फिरौती के लिए होने वाले अपहरण में 91 फ़ीसदी की कमी हुई है. सहरसा में डकैती के मामले में 60.11 फ़ीसदी की कमी हुई. फिरौती के लिए अपहरण में 36.97 फ़ीसदी की कमी हुई है. 

कटिहार में डकैती के मामले में 74.37 फ़ीसदी की कमी हुई. फिरौती के लिए अपहरण मामले में 50.55 फ़ीसदी की कमी हुई.

तेजस्वी यादव में हिम्मत है तो आप ने  कार्यकाल मैं हुई आपराधिक घटनाओं का जिक्र जनता के सामने करें और उन घटनाओं पर क्या कार्रवाई हुई उसे भी बताएं.

नीतीश कुमार के शासनकाल में 2006 से सितंबर 2019 तक 26 लाख 88 हजार 473 अपराधी गिरफ्तार हुए हैं. 2006 से 2018 तक 114420 अपराधियों को सजा हुई. आरजेडी के शासनकाल से अभी की तुलना करें तो हत्या के मामले में 33.24 फ़ीसदी की कमी हुई है. डकैती के मामले में 76.09 फीसदी की कमी आई है. फिरौती के लिए अपहरण 87. 59 फ़ीसदी की कमी आई है.

सड़क डकैती में कमी 32.70 फीसदी की  हुई है. 2005 में जब आरजेडी का शासन काल खत्म हो रहा था उस साल अकेले 251 फिरौती के लिए अपहरण की वारदात हुए थे.

तेजस्वी यादव को यह याद होना चाहिए लालू प्रसाद के शासनकाल में पटना हाईकोर्ट ने काफी कड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि पूरा तंत्र भ्रष्टाचार में लिप्त है और यहां सिस्टम  बर्बाद हो  चुका है. 

तेजस्वी यादव चारा घोटाले को सामाजिक न्याय का आंदोलन मानते हैं. लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि इस पूरे मामले में सजा न्यायालय ने दी है और जांच सीबीआई ने किया है.  

जबकि लालू परिवार सीबीआई के जांच पर ही सवाल खड़े करते रहा है. ऐसे में तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि जब सीबीआई पर सवाल है तो फिर गोपालगंज हत्याकांड मामले की सीबीआई जांच की मांग क्यों की जा रही है.

तेजस्वी यादव जब डिप्टी सीएम थे तब नवादा और सिवान में उनके नेता की तरफ से अपराध किए गए थे और हमने तत्काल कार्रवाई की यह समझते हुए कि सरकार पर संकट आ सकता है लेकिन हमने कोई समझौता नहीं किया. जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम होते हुए चुपचाप बैठे रहे तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार के राजकुमार हैं. गरीबों की बात करने वाले नेता मॉल के मालिक हो जाते हैं, फार्म हाउस के मालिक हो जाते हैं और गरीबों के नाम पर बस सियासत चमकाते हैं.