उन्होंने कहा कि फिर जब बीजेपी के पास गए, तो वे नीतीश कुमार को लेकर मुझे लेने में असहज थे. बीजेपी नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं जाना चाहती. फिर मेरे पास दो ही रास्ते थे. या तो सन्यास या संघर्ष. मैंने संघर्ष का रास्ता चुना है.
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दरभंगा: बिहार के दरभंगा के हायाघाट से जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी (Amarnath Gami) टिकट के लिए दर-बदर भटकते रहे. जेडीयू से निष्कासित किए जाने के बाद बीजेपी ने भी उन्हें अपना सदस्य नहीं बनाया. अब आखिरकार उन्होंने आऱजेडी की सदस्यता ले ली है. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने उन्हें आरजेडी की सदस्यता दिलाई.
इससे पहले हायाघाट के जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने यह ऐलान किया था कि वे आरजेडी में शामिल होने वाले हैं. कुछ देर पहले तक स्थिति असमंजस में थी. लेकिन आऱजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और भोला यादव की मौजूदगी में तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.
बीते कुछ वर्षों में अमरनाथ गामी ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाकर काफी सुर्खियां बटोरी है. तभी से कयास लगाया जा रहा था कि जदयू से पुनः टिकट की संभावना अमरनाथ गामी के लिये मुश्किल है. अमरनाथ गामी ने बताया कि जब मैं जेडीयू के सदस्य एवं विधायक के रूप में पटना आया तो पता चला कि पार्टी में मेरा कोई स्थान नहीं रह गया है.
उन्होंने कहा कि फिर जब बीजेपी के पास गए, तो वे नीतीश कुमार को लेकर मुझे लेने में असहज थे. बीजेपी नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं जाना चाहती. फिर मेरे पास दो ही रास्ते थे. या तो सन्यास या संघर्ष. मैंने संघर्ष का रास्ता चुना है.
आरजेडी से बात हुई है. विधानसभा स्थल को लेकर द्वंद है. मैंने हायाघाट विधानसभा में वर्षों काम किया है. वहां से लड़ना चाहता हूं. आरजेडी दरभंगा शहर से लड़ाना चाहती है. फिलहाल अपने लोगों से विचार-विमर्श कर रहा हूं. अगले कुछ दिनों में फैसला लूंगा. जिस पार्टी के लिये वर्षों काम किया उन्होंने मुझे ही बाहर का रास्ता दिखा दिया.