Sawan 2024: झारखंड के देवघर स्थित बाबा धाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेले के पहले ही दिन सोमवार को कांवरियों और श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. सुबह तीन बजे मंदिर का पट खुलने के बाद पारंपरिक कांचा जल पूजा और सरदारी पूजा हुई और इसके बाद अरघा से जलार्पण का सिलसिला शुरू हो गया है.
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Sawan 2024: सावन के पहले ही दिन झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. भोर में 3 बजे कपाट खुलते ही जल चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया और देखते ही देखते 10 किलोमीटर तक श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई. आपको बता दें कि सुल्तानगंज से बाबाधाम तक 108 किलोमीटर के दायरे में लगने वाला सावनी मेला एशिया का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. एक दिन पहले रविवार शाम को झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर और दीपिका पांडेय सिंह ने मेले का उद्घाटन किया था.
मेले में शिवभक्तों के लिए व्यवस्था की बात करें तो पूरे रास्ते में महीन रेत गिराई गई है, ताकि पैदल कांवरियों को सहूलियत हो. उनके विश्राम के लिए जगह-जगह टेंट सिटी बनाई है, जहां एक साथ 12 हजार से ज्यादा श्रद्धालु विश्राम कर सकते हैं. पैदल कांवरियों के लिए गर्मी से निजात दिलाने के लिए जगह-जगह कृत्रिम जल वर्षा की भी व्यवस्था की गई है. रास्ते में बिहार एवं झारखंड सरकार के अलावा कई निजी संस्थाओं ने भी सेवा और विश्राम शिविर बनाए हैं.
भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन की व्यवस्था बंद कर दी गई है. ज्योतिर्लिंग की स्पर्श पूजा की अनुमति नहीं है. दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए अरघा के माध्यम से जलार्पण की व्यवस्था की गई है. मेला क्षेत्र में होल्डिंग पॉइंट, आवास, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा, साफ-सफाई की भी चौकस व्यवस्था है.
माना जाता है कि भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक कामना महादेव बाबा धाम में प्रतिष्ठापित हैं. सावन में उनको जल चढ़ाने के लिए बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर रोजाना लाखों कांवड़िए बाबा धाम जाते हैं.
सावन में इस बार 5 सोमवार हैं और इसे विशिष्ट संयोग माना जा रहा है. प्रत्येक सोमवार को सबसे ज्यादा संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
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