भूख हड़ताल पर झारखंड पुलिस तो डीएसपी ने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर उठाया सवाल
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भूख हड़ताल पर झारखंड पुलिस तो डीएसपी ने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर उठाया सवाल

 सोमवार को बड़े पैमाने पर हुए तबादले पर डीएसपी किशोर कुमार रजक ने सोशल साइट पर तबादले के मेरिट का आधार पैसा, पैरवी और जाति बताकर पुलिस सिस्टम को सवालों के घेरे में ला दिया है और अब सियासत तेज हो गई है.

झारखंड में एक बार फिर पुलिस महकमा सुर्खियों और सवालों के घेरे में है.

रांची: झारखंड में एक बार फिर पुलिस महकमा सुर्खियों और सवालों के घेरे में है. एक तरफ सूबे के सभी 70 हजार पुलिसकर्मी 13 महीने के वेतन सहित 7 सूत्री मांग को लेकर भूख हड़ताल पर रहेगें तो दूसरी तरफ डीएसपी स्तर के अधिकारी ने पुलिस अधिकारियों के होने वाले ट्रासंफर-पोस्टिंग पर ही सवाल उठा दिया है. 

दरअसल सोमवार को बड़े पैमाने पर हुए तबादले पर डीएसपी किशोर कुमार रजक ने सोशल साइट पर तबादले के मेरिट का आधार पैसा, पैरवी और जाति बताकर पुलिस सिस्टम को सवालों के घेरे में ला दिया है और अब सियासत तेज हो गई है.

झारखंड में एक तरफ पुलिस के जवान 13 महीने की वेतन के मांग को लेकर बुधवार को भूख हड़ताल पर रहेगें. ड्यूटी पर तो होगें पर भूख हड़ताल जारी रहेगा दूसरी तरफ झारखंड पुलिस के डीएसपी रैंक के अधिकारी ने सोमवार को हुए तबादले के बाद सोशल मीडिया पर बगावत का सुर बुलंद कर दिए हैं. आईआरबी 2 खूंटी में डीएसपी के पद पर स्थापित किशोर कुमार रजक ने झारखंड में तबादले का मेरिट पैसा, पैरवी और जाति क्या बताया. विरोधियों ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लिया और सिस्टम पर हमलावर हो गए.

झारखंड में एक तरफ पुलिस आंदोलन पर है और भूख हड़ताल की तैयारी कर रही है तो दूसरी तरफ डीएसपी रैंक के अधिकारी पुलिस विभाग के सिस्टम की कलई खोलने लगे. अब ऐसे में पुलिस पर सवाल तो उठेगें ही जिनके जिम्मे आम लोगों की सुरक्षा है वही पुलिस विभाग को कटघरे में खड़ा कर रहा है. 

जब डीसीपी किशोर रजक ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया तो झारखंड बीजेपी के नेता इसे पुलिस सर्विस रूल्स के खिलाफ बताकर अनुचित करार दे रहे हैं. साथ ही ट्रांसफर पोस्टिंग को सरकार का विशेषधिकार बताकर विपक्ष पर भी हमलावर हो रहे हैं.