Atal Bihari Vajpayee Birthday: पलामू में आज भी दिखती है अटल की छाप, आज भी लोग सुनाते हैं किस्से
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Atal Bihari Vajpayee Birthday: पलामू में आज भी दिखती है अटल की छाप, आज भी लोग सुनाते हैं किस्से

आज के ही दिन जन्में भारत रत्न अटल बिहरी वाजपेयी को भारतीय राजनीति में सबसे मुखर वक्ता और लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में याद किया जाता है. असाधारण व्यक्तित्व के धनी अटल जी कई मायने में भारतीय राजनीति में अपनी अलग पहचान रखते हैं. 

 (फाइल फोटो)

Palamu: आज के ही दिन जन्मे भारत रत्न अटल बिहरी वाजपेयी को भारतीय राजनीति में सबसे मुखर वक्ता और लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में याद किया जाता है. असाधारण व्यक्तित्व के धनी अटल बिहारी वाजपेयी कई मायने में भारतीय राजनीति में अपनी अलग पहचान रखते हैं. अलग झारखंड राज्य का निर्माण भी अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों का ही परिणाम रहा. झारखंड राज्य और यहां के लोगों से अटल बिहारी वाजपेयी का बेहद गहरा लगाव रहा है.

जनसंघ के नेता के रूप में 1967 की पलामू यात्रा

झारखंड के नेताओं में से इंदर सिंह नामधारी और बाबूलाल मरांडी का जुड़ाव वाजपेयी से काफी गहरा रहा. 1967-1969 में भारतीय जनसंघ की टिकट पर डालटनगंज विधानसभा से चुनाव लड़ रहे नामधारी के लिए वाजपेयी ने चुनाव प्रचार भी किया था. इन चुनावों के दौरान भी वाजपेयी का डालटनगंज में आगमन हुआ था तथा उन्होंने इंदर सिंह नामधारी के आवास पर ही रात्रि-विश्राम भी किया था.

वाजपेयी का 1980 में गारू दौरा

1980 यह वही दौर था जब जनसंघ से टूट कर भाजपा का गठन हुआ था. भाजपा अपने कार्यकर्तायों और सहयोगियों को साधने में लगी हुई थी. RSS की अनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण आश्रम गारू(लातेहार) में वैद्य शिवनारायण पाठक मुफ्त चिकित्सक का कार्य कर रहे थे. पाठक इमरजेंसी के दौरान 80 दिनों तक जेल में बंद रहे थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तहसील कार्यवाहक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे थे. अटल बिहारी वाजपेयी ने रात्रि विश्राम उन्हीं के पास किया था. उस वक्त पूरे क्षेत्र में संगठन की जिम्मेदारी भी शिवनारायण पाठक के ही कंधों पर ही थी. बैठक के उपरांत वाजपेयी ने बेतला नेशनल पार्क में भरपूर समय बिताया और हाथी की सवारी भी की. इस सब के उपरांत वाजपेयी ने कोयल और औरंगा नदी के संगम (केचकी) के किनारे संगठन के सदस्यों के साथ बैठक भी की थी.

1981 का पलामू दौरा

डालटनगंज में बहने वाली कोयल नदी के किनारे शाहपुर की ओर बालू पर वर्ष 1981 में भाजपा का प्रान्तीय अधिवेशन संपन्न हुआ था. उस स्थल का नाम संकल्प नगर रखा गया था. अधिवेशन के अंतिम दिन कोयल नदी की तट पर बालू के उपर ही वाजपेयी ने आमसभा का कार्यक्रम रखा था. इंदर सिंह नामधारी के साथ उन्हीं के वाहन पर सवार वाजपेयी तय वक्त पर नदी तट की ओर निकले. भीड़ का आलम यह था कि निश्चित स्थान से आधे किलोमीटर पहले ही इतनी जाम थी कि गाड़ी को आगे ले जाना संभव न था. तब सुरक्षा के इतने प्रबंध भी नहीं हुआ करते थे. इंदर सिंह नामधारी को परेशान होते देख वाजपेयी ने कहा की कोई दूसरे रास्ते से चलो, इन्हे पार पाना असंभव है. कोई और उपाय न देख नामधारी ने गाड़ी नदी में उतार दी, नामधारी यह सोच कर परेशान थे कि अगर गाड़ी रेत में फंस गई और वाजपेयी का भाषण नहीं हो पाया तो उनकी किरकिरी होना तय था. पर पलामू का सौभाग्य से कार्यक्रम सफल रहा.

 

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