उकौली में रात करीब 22 जंगली हाथियों के झुंड ने रीना देवी, नारायण महतो, सलीम सुरीन, सुलेन्द्र महतो, और कालेश्वर सिंह का घर को तोड़ कर तहस नहस कर दिया. घर में रखे चावल-धान को भी जंगली हाथियों ने खराब कर दिया.
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सिमडेगा: कड़कड़ाती ठंड के बीच खेतिहर ग्रामीणों के लिए हाथी भी मुसीबत बन रहे हैं. एक तरफ तो गजराज फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वहीं मजबूर किसानों के घरों को भी तोड़ रहे हैं. सिमडेगा जिले के कोलेबिरा, जलडेगा एवं बानो थाना इलाके में लगातार जंगली हाथियों का आतंक जारी है. हाथी, घर, फसल-अनाज और आदमी सभी को अपना निशाना बना रहे हैं. शनिवार की रात में 22 जंगली हाथियों के झुंड ने बानो के उकोली में उत्पात मचाया.
लगातार झेल रहे आर्थिक नुकसान
जानकारी के मुताबिक, उकौली में रात करीब 22 जंगली हाथियों के झुंड ने रीना देवी, नारायण महतो, सलीम सुरीन, सुलेन्द्र महतो, और कालेश्वर सिंह का घर को तोड़ कर तहस नहस कर दिया. घर में रखे चावल-धान को भी जंगली हाथियों ने खराब कर दिया. घर के आस-पास में लगे साग सब्जी के बागान को भी जंगली हाथियों ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. इसी तरह जलडेगा के टिकरा गांव में भी जंगली हाथियों ने दो घर को ध्वस्त कर दिया. घर में रखे सामान घर के मलबे में दबकर बर्बाद हो गया. जंगली हाथियों के कारण क्षेत्र के लोगों को लगातार आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
साल भर हाथियों का आतंक
जंगली हाथियों के तांडव ने ग्रामीणों को दोतरफा मुश्किल में डाल दिया है. एक तो ठंड का मौसम और ऐसे में हाथियों का आतंक, लिहाजा कड़ाके इस ठंड में ग्रामीणों को रात में गांव के बाहर और खेतों में पहरा देना पड़ रहा है. हाथियों के आतंक से इन क्षेत्र के ग्रामीणों को रात में भी कंबल और रजाई से बाहर निकले को विवश कर दिया है. हाथियों के आतंक से ग्रामीण कड़कड़ाती ठंड में रातजग्गा कर रहे हैं. इन प्रखंडों में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां के ग्रामीण सालों भर जंगली हाथियों के आतंक से परेशान रहते हैं.
गुजारा करना भी मुश्किल
इन ग्रामीणों की जिंदगी हाथियों के आतंक के साए के बीच रात रात भर हाथियों को खदेड़ने में गुजर रहा है. इन ग्रामीणों की समस्या मिटाने में अब तक जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन और वन विभाग विफल साबित हुआ है. इन क्षेत्रों में हाथियों का झुंड खेतों में लगी फसलों से लेकर, घरों को भी तोड़ते हुए घरों में रखे धान की फसलों को भी निशाना बनाते हैं. इससे ग्रामीणों को परेशानी तो होती है. साथ ही हाथियों द्वारा धान को चट किए जाने से साल भर गुजारा करना भी मुश्किल होता है. कोलेबिरा में शुक्रवार की रात भी जामटोली के बाजारटोली एवं गटीबांदू में भी जंगली हाथियों ने दो ग्रामीणों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथियों द्वारा घर तोड़े जाने के बाद ग्रामीणों के समक्ष कई परेशानी उत्पन्न हो गई है. ग्रामीणों ने विभाग से मुआवजे की मांग की है.
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