Khichdi Mahabharat Story: खिचड़ी सबसे पहले पकाया जाने वाला भोजन है. महाभारत काल में भी इसके साक्ष्य मिलते हैं. झारखंड के जंगली-आदिवासी इलाकों में आज भी महाभारत कालीन अवशेष पाए जाते हैं
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रांचीः Khichdi Mahabharat Story: देशभर में शनिवार को Khichri का त्योहार मनाया जा रहा है. झारखंड में इस त्योहार की परंपरा आदिवासी लोक कथाओं से जुड़ी हुई, जिनके सूत्र कई बार पांच हजार साल पुराने पौराणिक इतिहास से जुड़ते हैं. खिचड़ी का पर्व मानव सभ्यता के सबसे प्राचीन त्योहारों के रूप में मनाया जाता है. मूलतः खिचड़ी सबसे पहले पकाया जाने वाला भोजन है. महाभारत काल में भी इसके साक्ष्य मिलते हैं. झारखंड के जंगली-आदिवासी इलाकों में आज भी महाभारत कालीन अवशेष पाए जाते हैं, जो कि यह बताते हैं कि पांडवों के जीवन का एक हिस्सा यहां भी बीता है.
सूर्य देव ने दिया था अक्षय पात्र
झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है नगड़ी गांव. मान्यता के मुताबिक रांची के नगड़ी गांव में द्रौपदी ने सूर्य पूजा करती थीं. पांडवों ने यहां के जंगलों में अपने वनवास का समय बिताया था. यहां एक सोते के पास एक मंदिर स्थित है. इसी सोते के पास छठ व्रती महिलाएं छठ पूजा के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं. कहा जाता है इसी सोते के पास द्रौपदी भी सूर्य देव की पूजा करती थीं. उन्हें अर्घ्य देती थीं. इसी पूजा से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने द्रौपदी को अक्षय पात्र दिया था. अक्षय पात्र वह बर्तन था, जिसमें से हमेशा अनाज निकलता सकता था. जब तक कि द्रौपदी उस बर्तन को धोकर न रख दें, वह अपना मनचाहा अनाज उससे निकाल सकती थीं. इसी अक्षय पात्र से द्रौपदी हर दिन पांडवों के लिए भोजन बनाती थीं, और इससे पहले युधिष्ठिर लोगों में दान आदि भी करते थे.
द्रौपदी हो गईं नाराज
वनवास में पांडवों का समय कभी सुख तो कभी क्रोध में कट रहा था. एक दिन द्रौपदी को हस्तिनापुर में हुआ अपना अपमान याद आ गया तो वह क्रोधित हो गईं और उनका युधिष्ठिर से किसी बात पर विवाद हो गया. भीम का भी बड़े भाई से विवाद हो गया. इसके कारण उस दिन द्रौपदी ने भोजन नहीं बनाया और न ही किसी ने भोजन किया. युधिष्ठिर ने भी सारा अनाज दान कर दिया और चिंतन में बैठ गए. कुछ देर बाद जब भीम को थोड़ा पछतावा हुआ और उन्होंने छोटे भाइयों को भी बिना भोजन किए देखा तो दुख में और क्रोधित हो गए.
भीम ने बनाई खिचड़ी
उन्होंने क्रोध और दुख में ही एक बड़े घडे़ में सारे अनाज और सब्जियां एक साथ ही डाल दिए, फिर उन्हें पानी में उबलने के लिए रख दिया. इससे जो भी पकवान निकल कर आया उसे खिचड़ी कहा गया. जितनी अधिक खिचड़ी की है, उससे कहीं अधिक परिवार में समरसता की है. जहां थोड़ी-बहुत नाराजगी के बाद भी सब लोग एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं. केरल में भी एक कथा महाभारत से जुड़ी हुई है. जहां भीन ने अवियल बनाया था. अवियल सभी सब्जियों को उबालकर बनाई गई सब्जी है. जो केरल का पारंपरिक भोजन भी है.